जितेन्द्र व्यास
Thar पोस्ट, बीकानेर/ राजस्थान। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर दरबारी गांव अब तेज़ी से उभरेगा। पहली बार ऊंट उत्सव में बीकानेर के दरबारी को शामिल किया गया है। पूछा जा सकता है कि दरबारी को ही क्यों शामिल किया गया है? दरअसल दरबारी गाँव पिछले एक दशक में तेज़ी से लोकप्रिय हुआ है। यह स्थल युवाओं का पसंदीदा स्थल बन चुका है। यहां की प्राकृतिक मनोरम छटा लोगों का मन मोह लेती है। इसके अलावा यहां वीर और गदर की शूटिंग हुई थी। इसके बाद यह स्थल लोकप्रिय होता गया। अनेक लोग खासकर युवा आउटिंग और पिकनिक के लिए भी वहां जाते है। इस बार बीकानेर में 7 से 9 जनवरी 2022 तक ऊंट उत्सव आयोजित किया जाएगा। दरबारी झील पर रिदम्स ऑफ लाइफ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें संगीत प्रस्तुति होगी। दरबारी झील हवाई अड्डे के भी नजदीक है। इसके अलावा अब फिर से पर्यटन विभाग ने लोगों को ग्राम्य संस्कृति से रूबरू करवाने का निर्णय किया है। दरबारी का ग्राम्य जीवन भी शानदार है। दरबारी के अलावा रायसर में आयोजन होंगे। यहाँ मैं इस बात का जिक्र करना चाहूंगा कि बीकानेर में पर्यटन गांव के रूप में रायसर डेढ़ दशक पहले ही उभर चुका है। यहां सभी पर्यटन व्यवसाइयों द्वारा कैमल सफारी करवाई जाती है। अनेक विदेशी कंपनियों ने यहां के धोरों को हाईटेक डेसर्ट सफारी के लिए भी उपयुक्त माना है। यहां अनेक कैम्प भी है। रायसर का उल्लेख मैने अनेक बार अपने आलेखों में किया है। ऊंट उत्सव में बीकानेर में 8 साल बाद मिट्टी के सुनहरे धोरो को शामिल किया गया है। यह भी जानकारी में रहे कि बीकानेर में अंतिम बार वर्ष 2012 में सुनहरे मिटटी के धोरों पर आयोजन हुए थे। इस साल लाडेरा गाँव में तनाव के बाद बीकानेर के किसी धोरे पर आयोजन नही हुए। तत्कालीन जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने आरएसी बुलाने के निर्देश दिए थे। तब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थी। इसके बाद हालांकि केवल औपचारिकता के तौर पर रायसर के दौरे शामिल किए गए थे। इसमे भी केवल विदेशी सैलानियों के लिए मॉर्निंग विजिट कार्यक्रम रखा गया था। इस बार डाॅ. करणी सिंह स्टेडियम में मिस मरवन, ऊंट श्रृंगार, मिस्टर बीकाणा, ऊंट बाल कटाई तथा ऊंट नृत्य प्रतियोगिता आयोजित होगी। इसी दिन सांय 4.30 बजे से दरबारी झील पर रिदम्स ऑफ लाइफ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। सायं 6.30 बजे से डॉ. करणीसिंह स्टेडियम में ही सेलिब्रिटी नाईट होगी। दूसरे दिन के कार्यक्रमों का समापन आतिशबाजी के साथ होगा।
तीसरे दिन प्रातः 7.30 बजे से जोड़बीड़ कंजर्वेशन रिजर्व में बर्ड वाचिंग कार्यक्रम ‘पखेरू’ होगा। बीकानेर में ग्रामीण पर्यटन की संभावनों को देखते हुए तीसरे दिन के कार्यक्रम रायसर के धोरों पर भी आयोजित किए जाएंगे। यह कार्यक्रम प्रातः 11.30 बजे से होंगे। इस दौरान पुरुष व महिला रस्साकस्सी, ऊंट नृत्य, मटका दौड़, केमल राइड, ग्रामीण कुश्ती एवं अन्य प्रतियोगिताएं होंगी। सांय 4 बजे से राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र में ऊंट दौड़ व घुड़दौड़ प्रतियोगिता होगी। सायं 6.30 बजे से रायसर में ही सुर संगम व अग्नि नृत्य आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम का समापन आतिशबाजी के साथ होगा।