Thar पोस्ट, नई दिल्ली। विश्व के देश कोरोना महामारी से ठीक ढंग से उभर नही पाए है कि मंडराते युद्ध ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। यूक्रेन और रूस का विवाद पूरी दुनिया के लिए एक जटिल समस्या बनता जा रहा है। यदि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया और अमेरिका ने इसमें दखल दिया तो यह वर्ल्ड वार का रूप भी ले सकता है। दुनिया के देशों के बीच यह सवाल भी उभर रहा है कि यूक्रेन पर हमले की सूरत में भारत किसका साथ देगा। भारत पर सबकी नजर है क्योंकि यह शान्तिप्रिय देश है। इस पर अमेरिका का कहना है कि भारत नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही अमेरिका ने उम्मीद जताई कि अगर रूस यूक्रेन पर आक्रमण करता है तो भारत अमेरिका का साथ देगा । विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि चार देशों (क्वाड) के विदेश मंत्रियों के बीच हाल में ऑस्ट्रेलिया की राजधानी मेलबर्न में हुई बैठक में रूस और यूक्रेन के मुद्दे पर चर्चा हुई। भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्री इस बैठक में शामिल हुए थे। प्राइस ने कहा, ‘‘बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि इस मामले के राजनयिक-शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है। क्वाड नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने का पक्षधर है।’’
प्रवक्ता ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘नियम आधारित व्यवस्था हिंद प्रशांत क्षेत्र में समान रूप से लागू होती है, जैसे कि यह यूरोप में है या अन्य कहीं है। हम जानते हैं कि हमारे भारतीय साझेदार नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है। इस व्यवस्था में अनेक नियम हैं, उनमें से एक यह है कि बल के जरिए सीमाओं का पुनर्निर्धारण नहीं हो सकता।’’
भारत सहित अन्य पड़ोसियों के खिलाफ चीन के आक्रामक रुख का प्रत्यक्ष जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,‘‘ बड़े देश छोटे देशों को परेशान नहीं कर सकते। किसी देश के लोग अपनी विदेश नीति, अपने साझेदार, गठबंधन सहयोगी आदि चुनने के हकदार हैं। ये सिद्धांत यूरोप की भांति हिंद प्रशांत क्षेत्र में भी समान रूप से लागू होते हैं।’’