Thar पोस्ट, न्यूज। विश्व के अनेक देशों में न केवल मनुष्य बल्कि प्राणियों की जान पर भी बन आई है। अनेक प्राणी प्राकृतिक संतुलन में मदद करते है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया में करोड़ों मधुमक्खियों को तालाबंद कर दिया गया है और हजारों का कत्ल किया जा रहा है क्योंकि इनमें एक घातक पैरासाइट का पता चला है जो मधुक्खियों के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जाता है। वारोआ डिस्ट्रक्टर नाम का यह पैरासाइट सिडनी के नजदीक एक बंदरगाह पर पाया गया था. एक हफ्ते बाद यह सौ किलोमीटर दूर मधुमक्खियों के एक छत्ते में पाया गया जिसके बाद पूरे देश में अलर्ट जारी कर दिया गया.।
वारोआ डिस्ट्रक्टर के फैलने से शहद ही नहीं, मधुमक्खियों से जुड़े अन्य उत्पादों के दाम बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है. ऑस्ट्रेलिया में मधुमक्खी पालन करोड़ों डॉलर का उद्योग है और हजारों लोग इसमें काम करते हैं. जिन मधुमक्खियों को ‘लॉकडाउन’ में रखा गया है, उन छत्तों के मालिक अगली सूचना मिलने तक छत्तों में किसी तरह का बदलाव नहीं कर पाएंगे.ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में हजारों मधुमक्खियों को नष्ट किया जा चुका है और मधुमक्खीपालकों से सावधान रहने को कहा गया है. पालकों का अनुमान है कि अगर वारोआ फैलता है तो सिर्फ शहद उद्योग को 7 करोड़ डॉलर यानी करीब चार अरब रुपये का नुकसान होगा.इसके अलावा फूलों और फलों की खेती को भी भारी नुकसान होने की आशंका है क्योंकि देश का कम से कम एक तिहाई खाद्य उत्पादन मधुमक्खियों द्वारा किए जाने वाले वाले परागन पर निर्भर करता है।