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IMG 20220202 004525 युद्ध : भीषण सर्दी में पैदल चलने को मजबूर, भारतीय विद्यार्थियों को इन रास्तों से निकाला जा रहा है Bikaner Local News Portal दिल्ली
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Thar पोस्ट, नई दिल्ली। भारतीय छात्रों को यहां भारत पहुंचने की कोशिशों के बीच युद्ध की स्थिति के अलावा कड़कड़ाती ठंड को झेलने की भी चुनौती है। कई छात्रों को यूक्रेन से पोलेंड सीमा तक पहुंचने के लिए 200 किलोमीटर बस में और फिर बाद में 20 किलोमीटर कड़कड़ाती सर्दी में पैदल चलना पड़ा है। लंबी कतारों में भारत आने का इंतजार बना रहा है।भारत ने इंटरनेशनल रेडक्रॉस सोसाइटी से भी मदद के लिए बात की है। यूक्रेन, रोमानिया, पोलैंड, स्लोवाक एवं हंगरी दूतावास भी इस अभियान में जुटे हैं। पोलैंड सीमा की तरफ बड़े पैमाने पर यूक्रेन के नागरिकों के पलायन के कारण भारतीयों की वापसी में मुश्किल आ रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार 70 लाख से अधिक यूक्रेनियन यूरोप के शरणार्थी बनेंगे। वहां बड़े पैमाने पर लोग जमा हैं जिनमें भारतीय नागरिक और छात्र भी फंसे हुए हैं। भारतीय दूतावास उनके संपर्क में हैं। इन्हें उसकराड से हंगरी के जरिये ट्रेन या रोड से निकालने की योजना पर काम चल रहा है। अभी हंगरी और रोमानिया सीमा से नागरिकों की वापसी हो रही है।भारतीयों को सकुशल देश वापस लाने पर विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने कहा कि यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय छात्रों की वापसी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक एक हजार से भी अधिक नागरिकों को यूक्रेन से निकाला जा चुका है। जानकारी के अनुसार अब तक यूक्रेन से 1156 के करीब भारतीयों को रेस्क्यू किया गया है। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग ने भारतीय छात्रों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यूक्रेन में 15 हजार से ज्यादा छात्र फंसे हुए हैं। हालांकि इन स्टूडेंट्स की वतन वापसी के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ जारी है।


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