ताजा खबरे
IMG 20231004 154156 बीकानेर : रावण की गर्दन घूमेगी, पुतले हो रहे तैयार Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट
Share This News

Thar पोस्ट। दशहरे का बीकानेर में रोचक इतिहास रहा है। शुरुआत बीकानेर के रेलवे स्टेडियम से महाराजा डॉ करणी सिंह के सहयोग से हुई। बाद में डॉ करणी सिंह स्टेडियम में समारोह होने लगा। इसके बाद डॉ. करणीसिंह स्टेडियम, मेडिकल मैदान, धरणीधर मैदान और भीनासर में दशहरे के आयोजन होने लगे। बीकानेर में मेहरचंद झांब ने शुरुआत की। रियासतकाल में रावण चौक स्टेडियम के पास में दशहरा होता था। बीकानेर में इन दिनों पुतला निर्माण किये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश और अन्य शहरों से आए कारीगर रावण परिवार के पुतलों को आकार देने में जुटे है। इन पुतलों का दहन दशहरा को होगा। इस दौरान रंग-बिरंगी आतिशबाजी का नजारा देखने को मिलेगा। डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में बीकानेर दशहरा कमेटी और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में मुख्य कार्यक्रम होगा। मैदान में उत्तर प्रदेश से आए कारीगर सलीम और उनकी टीम दुष्यंत, विपिन, इरफ़ान, विशाल और अन्य रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों को आकार देने में जुटे हैं। स्टेडियम में लगातार इन पुतलों को बनाते आ रहे कारीगर सलीम ने बताया कि इस बार रावण का पुतला 80 फ़ीट, मेधनाथ का 75 फ़ीट और कुम्भकरण का पुतला 70 फ़ीट का होगा। वहीं उन्होंने उत्साहित होते हुए बताया कि रावण के हाथ और गर्दन का हिस्सा इस बार नए तरीके से बनाया जा रहा है। इस बार 360 डिग्री घूमती रावण की गर्दन, उसकी आँखों से निकलते अंगारे और उसके हिलते हाथ एक अनोखा नजारा प्रस्तुत करने वाले हैं।

बीकानेर दशहरा कमेटी महासचिव संजय झाम्ब और उपाध्यक्ष कबीर झाम्ब ने बताया कि इस बार संभाग का सबसे लंबा रावण का पुतला तैयार किया जा रहा है। भव्य स्तर पर उत्सव की तैयारी एक माह से चल रही है। इन पुतलों को तैयार करने में बांस, कपड़ा, सूतली, कागज, कलर पेपर इत्यादि काम ली जा रही है। कारीगर मैदान में ही रहकर पिछले एक माह से दिन-रात इन पुतलों को तैयार करने में लगे हुए हैं।

बीकानेर दशहरा कमेटी के झांकी संयोजक नमन झाम्ब और उनके साथी कार्यकर्त्ता फ्रैंकी झाम्ब और नैतिक चावला अपनी देखरेख में इन पुतलों का निर्माण करवा रहे हैं।मीडिया से रूबरू होते हुए झांकी संयोजक नमन झाम्ब ने बताया कि इस बार कुल 22 सचेतन झांकियां निकाली जाएंगी। उन्होंने बताया कि 1957 से लगातार झाम्ब परिवार इस उत्सव का आयोजन करता आ रहा है। इसकी शुरुआत भी झाम्ब परिवार द्वारा ही की गई थी। उन्होंने कहा कि हमारा हमेशा प्रयास रहता है कि बीकानेर की जनता को कुछ नयापन देखने को मिले। इसलिए इस बार रावण की गर्दन और हाथों को विशेष प्रकार से तैयार किया जा रहा है।


Share This News