Tp न्यूज। बीकानेर गोशाला संघ के तत्वाधान में आज दो दिवसीय गोपाष्टमी महोत्सव का शुभारंभ तुलसी गौशाला तुलसी सर्किल बीकानेर में हुआ। पहले दिन भारतीय देसी गोवंश राष्ट्रीय धरोहर,व मानव जीवन में गोवंश की उपयोगिता पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया , गोष्ठी के मुख्य वक्ता श्री निर्मल कुमार बरडिया वह सूरजमालसिंह नीमराना थे। वह गोष्ठी की अध्यक्षता कथावाचक भाई श्री व्यास जी ने की ।इस अवसर पर गोष्ठी में बोलते हुए गोष्ठी के मुख्य वक्ता निर्मल कुमार बरडिया जी ने कहा कि मानव जीवन में गोवंश का प्रभाव उसी तरह है जिस तरह मानव जीवन में धरती, आकाश, वायु, जल, आदि पांच तत्व का है, क्योंकि गौमाता इन पांचों तत्व की अधिष्ठात्री देवी है, गौ माता के कारण ही पर्यावरण, स्वास्थ्य, जीव जगत, सुरक्षित है, हमारे ऋषि-मुनियों मनीषियों ने गौमाता को देवतुल्य इसीलिए माना है कि गौ माता के अंदर विज्ञान की सम्मत जब लैबरेटरी है इसके सभी अवयव आमजन के स्वास्थ्य, पर्यावरण के काम आते हैं।
गौमाता प्राणी मात्र के लिए ईश्वर का साक्षात वरदान है, मानव जीवन में यदि गौ माता का स्थान रिक्त हो जाए तो जीवन की जो स्वास्थ्य की कल्पना है, पर्यावरण की कल्पना है, वह समाप्त हो जाएगी।
मानव जीवन काल से ही ईश्वर ने हमें गौ माता के रूप में एक बहुत बड़ा सहायक प्राणी दिया है, जो जीवन के साथ भी, जीवन के बाद भी मानव का साथ देता है।गौ माता की महिमा को जितना बताया जाए उतना कम है, इसलिए आज गोपाष्टमी के पूर्व संध्या पर आयोजित गोष्ठी में हम सभी गौ माता के निमित्त संकल्प लेकर उसे अपने जीवन में अंगीकार करें और प्रत्येक व्यक्ति गोपालन करें तभी गौ माता की सच्ची सेवा हो पाएगी ।
क्षक्षक्षकार्यक्रम के मुख्य वक्ता विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय सह गौरक्षा प्रमुख सूरजमालसिंह नीमराना ने कहा कि भारतीय देसी गोवशं एक राष्ट्रीय धरोहर है, यह मानव मात्र के लिए सबसे उपयोगी लैबोरेट्री है, गाय के कारण मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि सामाजिक, आर्थिक सभी मूल्यों पर इसका योगदान रहा है।
भारत सरकार को अतिशीघ्र इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना चाहिए, राष्ट्रीय धरोहर के मानक में संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा 4 तरह के विचार रखे गए हैं यदि इन चारों में से किसी दो चीजें किसी भी संपत्ति को धरोहर बनाने के लिए मान्य है, इसमें जिस वस्तु जीव व्यक्ति, परंपरा, विचार से मानव जीवन का भला होता है, अथवा जिसका स्वास्थ्य, प्रणी, कृषि पर प्रभाव हो ऐसे जीव को धरोहर घोषित किया जा सकता है।
भारत सरकार को अति शीघ्र धरोहर घोषित करना चाहिए और घोषित करने के लिए किसी भी संप्रदाय, व्यक्ति के मनोभाव पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा धरोहर बनने से किसी भी व्यक्ति संप्रदाय को ऐतराज भी नहीं होगा ।अतः भारत सरकार को अतिशीघ्र को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना चाहिए ।
आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यासजी ने कहा कि गाय देवों की माता है, गाय के अंदर 33 कोटि देवता 68 कोटि तीर्थ विद्यमान है,गाय की चरणों की रज से तिलक करने पर तीर्थ स्थल पर स्नान किया अनुसार माना जाता है।
गौमाता के निमित्त हम सब को आगे बढ़कर कार्य करना चाहिए और गोपाष्टमी पर्व को पूरे बीकानेर में बड़े स्तर पर मनाना चाहिए ।
कार्यक्रम का संचालन अरविंद उभा अध्यक्ष श्री हिंदू तख्त राजस्थान ने किया, कार्यक्रम का संयोजन शीशपाल गिरी गोस्वामी ने किया
वह इस अवसर पर पार्षद अनूप गहलोत ने बताया कि कल दूसरे दिन 22 नवंबर 2020 को गोपाष्टमी के पावन पर्व पर संतो के पावन सानिध्य में गोपाष्टमी महात्म्य पर प्रवचन और महाआरती का आयोजन किया जाएगा यह आयोजन प्रातः 11:00 बजे से प्रारंभ होगा । यह महति आयोजन राजगुरु महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद जी भारती के पावन सानिध्य में आयोजित किया जाएगा।आयोजन का संयोजक सनातन धर्म प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष अरविंद उभा को बनाया गया है वह श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार स्मृति संस्थान के उपाध्यक्ष गोपाल सिंह नाथावत को सह संयोजक बनाया गया है।
यह आयोजन राष्ट्रीय गाय आंदोलन राजस्थान, मां भारती सेवा प्रन्यास बीकानेर ,भारतीय जन स्वाभिमान मंच, श्री हिंदू तख्त राजस्थान, श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार स्मृति संस्थान बीकानेर, के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जाएगा।
आज की बैठक में ओमप्रकाश सोनगरा, विष्णु सिंह राजपुरोहित, प्रेम सिंह घुमान्दा, सरवन सिंह राठौड़, चांदवीर सिंह, सुशील कुमार सुथार, विशाल सिंह, बैरीसाल सिंह, उमाशंकर सोलंकी, मनोज स्वामी, रणवीर सिंह रावतसर, अशोक उभा, स्नेह राज व्यास, अभय नारायण तिवारी (Adhyaksh स्वर्गीय लखीचंद तिवारी फाउंडेशन), रविराज सिंह नीमराना ने भाग लिया।निरंजन सोनी