Thar पोस्ट, न्यूज। इंग्लैंड से आया युवाओं का समूह खुद को रोक नहीं पाया। राजस्थानी धुनों के बीच ढोल ताशों की स्वर लहरियों के साथ ही पर्यटकों का समूह झूमने लगा। उनके कदम विदेशी अंदाज़ में थिरकने लगे। दरसअल, आज शाम जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग ने सूरसागर झील में दीपोत्सव एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन रखा था। इसमें बीकानेर के ही लोक कलाकारों ने एक से एक बढ़कर प्रस्तुतियां दी। इस दौरान यहां इग्लैंड का एक ग्रुप भी इस लोक संगीत संध्या में शामिल हुआ। उस ग्रुप में कुल 29 पर्यटक थे। जिसमें 25 स्टूडेंट्स थे। राजस्थानी संगीत के दीवाने ये पर्यटक खुद को रोक नहीं पाए और नाचने लगे। इस बीच लोक कलाकारों ने भी उनका खूब साथ दिया। इस बीच जब ‘Thar‘ ने ग्रुप में शामिल स्टूडेंट्स से बात की तो उन्होंने बताया कि बीकानेर पहुंचने पर जब पता चला कि यहाँ पर्यटन विभाग राजस्थानी लोक संस्कृति पर आधारित दीपोत्सव का आयोजन कर रहा है तो उसे देखने व इसमें शामिल होने की चाह खींच लाई। साथियों ने नृत्य किया। जानकारी में रहे कि राजस्थान पहुंचने वाले विदेशी पर्यटकों में सर्वाधिक फ्रांस से आते हैं। राजस्थानी संस्कृति पर फ्रांस व इंग्लैंड तथा यूरोपीय देशों में आयोजन होते हैं। दूसरे स्थान पर इंग्लैंड व जर्मनी के पर्यटक पहुंचते है। बाद में ये सभी पर्यटक झील की ऐतिहासिक सीढ़ियों से होते हुए कार्यक्रम स्थल पहुंचे। वहां फोटोग्राफी के साथ ये आयोजन में शामिल हुए। विभाग के उप निदेशक कृष्ण कुमार के निर्देशन में हुए आयोजन में कलाकारों ने राजस्थानी गीतों व लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी।