Thar पोस्ट, न्यूज। अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव के दूसरे दिन सोमवार को आयोजित बीकानेर कार्निवल के दौरान पब्लिक पार्क में पूरे देश की सांस्कृतिक झलक देखने को मिली। विभिन्न प्रांतों के लोक नृत्य और कलाओं को देखने के लिए मानो पूरा शहर उमड़ पड़ा। कार्निवल में ऊंट गाडों और तांगों पर इन कलाकारों की प्रस्तुतियों के बीच पब्लिक पार्क की सजावट और रंग बिरंगी रोशनी ने समां बांध दिया। हर कोई अपने मोबाइल में इन यादगार क्षणों को कैद करता दिखा। कार्निवल की शुरुआत संभागीय आयुक्त नीरज के पवन और जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने हरी झंडी दिखाकर की। इसमें चंग की थाप पर नृत्य करते लोक कलाकार, पचरंगी और चूंदरी साफा पहने सजे धजे रौबीले, पारंपरिक वेशभूषा पहने हुए महिलाएं, स्कूली बच्चियां, अलग अलग मुखौटे पहले मस्ती से सराबोर बच्चे और इन सबको निहारते आमजन अलग छटा बिखेर रहे थे। कार्निवल की शुरुआत राजकीय गंगा म्यूजियम से हुई। जहां से शुरू होने के बाद कारवां जुड़ता गया और पब्लिक पार्क में हजारों की संख्या में लोग पहुंच गए। कार्निवल में शामिल तांगे सबकी उत्सुकता का केंद्र रहे। यहां से यह हुजूम जूनागढ़ की ओर बढ़ा। वहीं पब्लिक पार्क परिसर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने विभिन्न प्रदेशों की समृद्ध संस्कृति से रूबरू करवाया। इसकी शुरुआत मांड गायन केसरिया बालम से हुई। जहीर चंदवानी और हस्मत के गीत सुनकर सभी के कदम थिरकने लगे। इसके बाद गुजरात का सिद्धि धमाल, जसोल बाड़मेर का गैर नृत्य, हरियाणा का फाग व घूमर,पंजाब का भांगड़ा और जिंदवा, हरियाणा का सिरमोरी नृत्य और सरदारशहर चूरू के डेरू नृत्य करने वाले कलाकारों के साथ दर्शक भी झूमते रहे। पहली बार हुए कार्निवल के प्रति लोगों की उत्सुकता भी देखते बनती थी। इसके लिए कलेक्ट्रेट परिसर को भी रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया। युवाओं ने यहां भी फोटोग्राफी का लुत्फ उठाया। यह दृश्य बीकानेर में नाईट टूरिज्म की संभावनाओं को पंख लगा रहा था। इस दौरान अतिरिक्त कलेक्टर (प्रशासन) बलदेव राम धोजक, अतिरिक्त कलक्टर (शहर) अरुण प्रकाश शर्मा, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक भानू प्रताप ढाका सहित बड़ी संख्या में मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित, ज्योति प्रकाश रंगा और किशोर सिंह राजपुरोहित ने किया। ऊंट उत्सव के अंतिम दिन मंगलवार को सायं 4:30 से 6:30 बजे तक डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में कैमल टैटू और बीएसएफ का एक्रोबेटिक शो आयोजित होगा। ऊंट उत्सव का समापन 8 मार्च को सायं 6:00 से 9:30 बजे तक आयोजित करणी सिंह स्टेडियम में आयोजित सांस्कृतिक संध्या के साथ होगा।
वन विभाग वन्यजीव बीकानेर के द्वारा वन क्षेत्र जोडबीड गाढवाला कंजरवेशन रिजर्व में सुबह बर्ड वॉचिंग का कार्यक्रम रखा गया एवं गिद्ध क्षेत्र में फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
उप वन संरक्षक सुनील गौड़ ने बताया कि इसमें कई विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इसमें केन्द्रीय विद्यालय नं. 01, नवीन शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा वन क्षेत्र का भ्रमण कर फोटो प्रदर्शनी एवं बर्ड वांचिग को देखकर उत्साहित हुये एवं वन्यजीवों के बारे में विद्यार्थियों ने रोचक प्रश्न भी किये।
इस अवसर पर संभागीय मुख्य वन संरक्षक जयप्रकाश मूण्ड, रंगास्वामी ई. उप वन संरक्षक महेन्द्र कुमार कुमावत, उप वन संरक्षक एवं रामनिवास कुमावत, सेवानिवृत उप वन संरक्षक, डूंगर कॉलेज के प्रोफेसर एवं पक्षी विशेषज्ञ डॉ. प्रताप सिंह, चेतन मिश्रा, डॉ. जितेन्द्र सोलंकी एवं बीकानेर के कई पक्षी प्रेमियों ने वन्यजीव फोटो प्रदर्शनी एवं बर्ड वांचिग कार्यक्रम का अवलोकन किया गया तथा विद्यार्थियों को वन्यजीवों एवं पक्षियों के बारे में रोचक जानकारी प्रदान की । उन्होंने बताया कि इस समय कई पक्षी जैसे यूरेसियन ग्रीफन, हिमालयन ग्रीफन, सीनिरीयस स्टेपी ईगल, इजिशियन वल्चर आदि इसे रेप्टर लाईन बनाते है। फोटो प्रदर्शनी में आने वाले सभी विद्यार्थियों एवं ग्रामीण लोगों ने भ्रमण के दौरान पक्षियों एवं वन्यजीवों को देखकर उनके बारे में जानकारी प्राप्त की एवं अपनी जिज्ञासाओं को प्रश्न करके शान्त किया।
इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ. प्रताप सिंह ने वर्तमान में जोडबीड रिजर्व क्षेत्र में तथा इसके आस-पास क्षेत्र में किए जा रहे वन्यजीव अनुसंधान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। चेतन मिश्रा रिसर्च स्कॉलर ने बताया कि यदि यहां कुत्तो की संख्या कम हो जाए तो और भी प्रकार के वल्चर यहां आ सकते है।
उप वन संरक्षक वन्यजीव डॉ. सुनील कुमार गौड ने बताया कि जोडबीड कंजरवेशन रिजर्व क्षेत्र बहुत सी जैव विविधता के लिए है तथा इसका एक विशाल क्षेत्रफल 5646 हैक्टेयर है जो इस सम्पूर्ण क्षेत्र के इकोसिस्टम को मजबूत करता है। उन्होंने पक्षी एवं वन्यजीवों के महत्व व उनके आवास के बारे में सारगर्भित जानकारी दी गई।इस मौके पर वन विभाग वन्यजीव के सहायक वन संरक्षक बाबूलाल चौधरी, जोडबीड कंजरवेशन रिजर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय वन अधिकारी हरीराम दुधवाल, राजवीर सिंह, कपिल कुमार, सोफीन कोहरी, जगदीश लेघा, सुखपाली, श्रीमती उमेश पंवार सहित सम्पूर्ण वन विभाग का अमला उपस्थित था।