



Thar पोस्ट न्यूज। भीषण गर्मी में सैलानी वादियों व पहाड़ों का रुख करते है। लेकिन जम्मू कश्मीर से पर्यटक दूरी बना रहा है। होटलें खाली है वादियों में सन्नाटा है या चंद लोग आ रहे है। जगह जगह सुरक्षाकर्मी तैनात है। पर्यटन का माहौल दूर तक दिखाई नही दे रहा। पहलगाम में हुए आतंकी हमले व भारत पाक तनाव ने जम्मू कश्मीर के पर्यटन की कमर तोड़ दी है। जम्मू- कश्मीर के पर्यटन को फिर से पटरी पर लाने के लिए प्रयास भी हो रहे हैं।



हाल ही में वहां एक खास कोशिश की गई। श्रीनगर के डल झील से पहलगाम के लिए एक रोड शो निकाला गया। इसका मकसद था, पर्यटकों को यह संदेश देना कि कश्मीर सुरक्षित है। डल झील के किनारे, जहां अक्सर शिकारे बंधे रहते हैं और दुकानें खुली रहती हैं, वहां सब कुछ शांत था। यहां से टैक्सियों का एक बड़ा काफिला निकला। लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे अनंतनाग शहर में ही रोक दिया गया। यह जगह पहलगाम से 30 किलोमीटर पहले है।
रोड शो में बताया गया कि कश्मीरी फिर से पर्यटकों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं।’ पहलगाम हमले के बाद, घाटी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पर्यटक स्थलों पर चेकपॉइंट और निगरानी बढ़ा दी गई है। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में लोगो की आय का जरिया पर्यटन ही है। अप्रैल से जून यहां पर्यटन बूम रहता है लेकिन इस बार शिकारे वाले, घोड़ा पालक, ट्रेवल गाड़ियों के संचालक, टैक्सी चालक व स्थानीय गाइड आदि पर्यटकों का इंतज़ार कर रहे हैं लेकिन सुरक्षाकर्मियों के अलावा दूर तक कोई दिखाई नही दे रहा। पर्यटक नही होने से ड्राई फ्रूट्स व अन्य वस्तुएं बेचने वालों की आवक भी घट गई है।

