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मैने अनेक लोग देखें है जो अपने काम का बोझ औरों पर डालते हैं। यह उनकी फितरत होती है, ऐसा करने के बाद वे भीतर ही भीतर खुश होते हैं और मन ही मन विजेता का भाव रखते हैँ कि आज मैने कुशलता से होशियारी से अपने कार्य को अन्य के सिर डाल दिया। बोझ हल्का हो गया। ऐसे लोग दूसरों को बेवकूफ भी समझते हैं। लेकिन यहां मैं स्पष्ट कर दूं कि ऐसे लोग जीवन में प्राय: विफलता का ही सामना करते हैं, कभी सफल नहीं हो पाते। ऐसे लोगों में धीरे-धीरे उन आदतों का विकास हो जाता है जो उन्हें नकारा बना देती है, क्योंक बचपन और युवावस्था में पड़ी ये आदतें उनका बुढ़ापे तक पीछा नहीं छोड़ती।
अहसास तक नहीं होता
जीवन में यह जरूरी हो जाता है कि व्यक्ति अपनी जिम्मेवारियों को समझें। घर-परिवार, ऑफिस में क्या-क्या जिम्मेदारियां है। इसे समझना होगा। तरक्की के लिए यह बहुत जरूरी भी है। आप कहां कार्य करते हैं इससे कोई अधिक फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन आप अपने प्रति कितने ईमानदार और जिम्मेदार है, इससे बहुत अधिक फर्क पड़ता है। आप चाहे घर पर हो अथवा कार्यालय या फिर किसी …..विस्तार से पढ़े https://www.successlyfe.in/