TP न्यूज़। बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों के नौ संगठनों के संयुक्त मोर्चे ‘‘यूनाईटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन्स’’ के आह्वान पर आज बीकानेर के राष्ट्रीयकृत बैंको के सभी बैंककर्मी हड़ताल पर रहे। बैंक कर्मियों ने आज बैंक आॅफ बड़ौदा स्टेशन रोड़ से एक विशाल वाहन रैली निकाली जो कोटगेट, केईएम रोड, जूनागढ़ होते हुए जिलाधीश कार्यालय पहुंची। बैंककर्मी ‘‘बैंेक बेचना बन्द करो’’, ‘‘देश बेचना बन्द करो’’, ‘‘शौक नहीं मजबूरी है, ये हड़ताल जरूरी है’’ ‘‘यू.एफ.बी.यूू. जिन्दाबाद’’ ‘‘कर्मचारी-अधिकारी एकता जिन्दाबाद’’ ‘‘वित्त मंत्री हाय-हाय’’ ‘‘निजीकरण एक धोखा है’’ ‘‘अडाणी-अम्बानी को देश बेचना करो’’ इत्यादि नारे जोश खरोश से लगा रहे थे, तथा उनके हाथो में यही तख्तिया लिखी हुई थी।
जिलाधीश कार्यालय के समक्ष वाहन रैली सभा में बदल गई, जहां यूएफबीयू. के संयोजक वाई.के. शर्मा ने कहा कि लाभ देने वाली सरकारी बैंको को निजी हाथो में बेचना दुर्भाग्यपूर्ण है। यूएफबीयू के आह्वान पर पूरे भारत के दस लाख कर्मचारी व अधिकारी राष्ट्रीयकृत बैंको के निजीकरण करने के सरकार के निर्णय के विरूद्ध राष्ट्र हित में अपना वेतन कटवाकर हड़ताल कर रहे है। यह हड़ताल बैंक कर्मचारियों के वेतन भत्तों के लिए नहीं, अपितु सरकारी बैंको को बचाने के लिए है। आॅल इण्डिया एसबीआई. आॅफिसर्स एसोसिएशन के जनरल सैकेट्री एम.एम.एल. पुरोहित ने कहा कि सभी सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सरकारी बैंको द्वारा ही किया जाता है जबकि निजी बैंको की इसमें भागीदारी नगण्य है।एन.सी.बी.ई. के उप महासचिव मुकेश शर्मा ने कहा कि पिछले कई दशको में सैंकड़ो निजी बैंके लगातार फैल हुई है, यश बैंक, पंजाब एण्ड महाराष्ट्र काॅ-आॅपरेटिव बैंक, दीवान हाउसिंग फाईनेंस लि., जीटीबी., आईएल एण्ड एफ.एस. इसके ताजा उदाहरण है। जबकि सरकारी बैक पूर्ण जिम्मेदारी के साथ देश के विकास में सहायक है।
कार्यक्रम को एसबीआई. के फैयाज अहमद, सीताराम कच्छावा, मनोज सैनी, पवन सिंघल, शीतल सहलोत, बैंक आॅफ बडौदा के रामदेव राठौड़, अक्षय व्यास, पीएनबी. के चन्द्रकान्त व्यास, आनन्द ज्याणी, एनओबीडब्ल्यू के कुशाल रंगा, यूनियन बैंक के जयशंकर खत्री व अशोक सोलंकी, तथा इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस. केन्द्रीय ट्रेड युनियनों के अनिल व्यास, प्रसन्न कुमार, हेमन्त किराडू, सेवा राजस्थान की आशा नैण आदि नेताओं ने सम्बोधित किया।
हड़ताल के दूसरे दिन कल दिनांक 16 मार्च को दोपहर 12 बजे जिलाधीश कार्यालय पर मानव श्रृंखला बनाकर राष्ट्रीयकृत बैंको के निजीकरण करने के सरकार के फैसले का विरोध किया जायेगा। यूएफबीयू के पदाधिकारियों ने आम जनता एवं ग्राहको से हड़ताल के कारण हुई असुविधा के लिए क्षमा चाहते हुए सरकारी बैंको के निजीकरण के खिलाफ इस अंादोलन में सहयोग करने की अपील की।