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IMG 20211106 100016 52 मनोज 'डीजीपी प्रशस्ति डिस्क' तथा 'प्रशस्ति-पत्र' से सम्मानित * बीकानेर बार शतरंज ** डॉ चारण ने कही यह बात ***गोकुल सर्किल श्रीमद भागवतकथा Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट
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Thar पोस्ट, बीकानेर। अपने कर्तव्य के लिए प्राण की भी चिंता न करने वाले बीकानेर के अरबन होमगार्ड के स्वयं सेवक मनोज कुमार को विभाग का सर्वोच्च सम्मान ‘डीजीपी प्रशस्ति डिस्क’ तथा ‘प्रशस्ति-पत्र’ से बीकानेर समादेष्टा कार्यालय में सम्मानित किया गया। होमगार्ड के जवानों को प्रोत्साहित करने के लिए में नवाचार के रूप में डीजीपी प्रशस्ति डिस्क और प्रशस्ति-पत्र देने की पंरपरा शुरू की गई है। इस परंपरा के तहत इस सम्मान से सम्मानित होने वाले मनोज कुमार होमगार्ड विभाग मैं कार्यरत है।उन्होंने 19 सितम्बर 2020 को मादक प्रदार्थो की गाड़ी को रोकने के दौरान बदमाशों के द्वारा गाड़ी नही रोकने पर उनकी गाड़ी के बोनेट पर लटकर बदमाशो को रोकने का प्रयास करने के लिए विभाग का सर्वोच्च सम्मान आज बीकानेर समादेष्टा कार्यलय में कमान्डेंट घनश्याम सिंह द्वारा डीजीपी प्रशस्ति डिस्क, प्रशस्ति पत्र प्रदान की गई।इस दौरान कम्पनी कमांडर चंद्रसिंह, प्लाटून कमांडर महेन्द्र सिंह, हैडकोस्टेबल गौरीशंकर सहित होमगार्ड के जवान मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि होमगार्ड के जवान भी पुलिसकर्मियों की तरह प्रदेश में शांति एवं कानून व्यवस्था के लिये कार्यरत रहते हैं. पुलिस के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाले ये होमगार्ड के जवान भी कई खतरों का सामना करते हैं. उनकी बहादुरी और कर्तव्य निष्ठा को सम्मान प्रदान करने के लिए होमगार्ड ने ‘डीजीपी प्रशस्ति डिस्क
‘ तथा ‘प्रशस्ति-पत्र’ देने की शुरुआत की थी।

img 20211225 wa0195197624301035289093 मनोज 'डीजीपी प्रशस्ति डिस्क' तथा 'प्रशस्ति-पत्र' से सम्मानित * बीकानेर बार शतरंज ** डॉ चारण ने कही यह बात ***गोकुल सर्किल श्रीमद भागवतकथा Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट

बीकानेर बार शतरंज
इक्कीसवीं स्व. श्री गोपाल आचार्य स्मृति अधिवक्ता शतरंज प्रतियोगिता- 2021
दाऊलाल हर्ष अविजित रहकर बने विजेता

बीकानेर दिसम्बर 25, 2021। बीकानेर बार एशोसिएशन के तत्वाधान में बीकानेर के स्थानीय बार रूम में ईक्कीसवीं स्व. श्री गोपाल आचार्य स्मृति अधिवक्ता शतरंज प्रतियोगिता चल रही प्रतियोगिता में पांचवे व अन्तिम चक्र में दाऊलाल हर्ष (5) ने प्रथम बोर्ड नवरतन तंवर (3.5) के साथ खेलते हुए अपने अनुभव का लाभ लेते हुए आसानी से हराकर लगातार पंाचवीं जीत दर्ज कर प्रतियोगिता में अविजित रह कर प्रतियोगिता जीती।
आज पांचवे व अन्तिम चक्र के बाद प्रेमरतन छींपा, सियानन्नदन शाह, श्रवण जनागल, प्रतियोगिता के वायोवृद्ध खिलाडी धनेसिंह राठौड, बजरंग प्रजापत सभी ने 4-4 अंक बनाये लेकिन नियमों के आधार पर क्रमश प्रेमरतन छींपा ने दुसरा , सियानन्नदन शाह ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त 65 वर्ष से अधिक की आयु वर्ग में श्री धनेसिंह राठौड (4) ने प्रथम तथा बृजरतन व्यास (3) ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। वहीं 55 वर्ष से अधिक वर्ष की आयु वर्ग में बजंरग प्रजापत (4) ने प्रथम संतनाथ योगी (3) ने दुसरा स्थान प्राप्त किया।
आज पांचवे व अन्तिम चक्र में खेलते हुए प्रतियोगिता में 87 वर्षीय खिलाडी धनेसिंह राठौड (4) ने अप्रत्याशित खेल कौशल का प्रदर्शन करते हुए युवा शातीर राजीव लोचन सुथार (3) को हरा कर सबको चौंका दिया।
अन्य मुकाबलों में बजरंग प्रजापत (4) ने श्रीनारायण छींपा (3.5) को, प्रेमरतन छींपा (4) ने अनिल पंवार (3) को, श्रवण जनागल (4) ने बलविन्द्र कुमार बिश्नोई (3) को, अरूण कुमार पुरोहित (3) विनोद शर्मा (2) को, बृजरतन व्यास (3) ने अमजद खान (2) को, सुनिल कुमार (3) ने मनोहर लाल ज्याणी (2) हराया।
प्रतियोगिता के मुख्य निर्णायक शैलेष गुप्ता के अनुसार प्रतियोगिता के रिजल्ट निम्नानुसार रहे। श्री दाऊलाल हर्ष ने प्रथम स्थान, प्रेम रतन छींपा ने द्वितीय स्थान एवं सियानन्दन शाह ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त 55 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में बजंरग प्रजापत विजेता तथा संतनाथ योगी दुसरे स्थान पर रहे। वंही 65 वर्ष से अधिक वर्ष की आयु वर्ग में श्री धनेसिंह राठौड ने प्रथम, बृजरतन व्यास ने दुसरा स्थान प्राप्त किया।

अनुवाद मौलिक रचना में परकाया प्रवेश करने जैसा है, अनुवाद कर्म दोयम दर्जे का रचना-कर्म नहीं है : डॉ चारण

Thar पोस्ट, बीकानेर/ मुक्ति संस्था के तत्वावधान में शनिवार को नेपाली उपन्यास ‘ब्रह्मपुत्र का छेउछाउ ‘ के राजस्थानी अनुवाद की पुस्तक ‘ ब्रह्मपुत्र रै आसै-पासै ‘ का लोकार्पण किया गया । लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार , कवि-आलोचक डॉ अर्जुन देव चारण ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि- कथाकार राजेन्द्र जोशी थे तथा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि साहित्यकार नगेन्द्र किराड़ू रहे ।
नेपाली के वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री लील बहादुर क्षेत्री के नेपाली भाषा में लिखित उपन्यास को साहित्य अकादेमी नई दिल्ली से 1987 में पुरस्कार मिला । नेपाली उपन्यास *ब्रह्मपुत्र का छेउछाउ का राजस्थानी भाषा में युवा साहित्यकार डॉ नमामी शंकर आचार्य ने *ब्रह्मपुत्र रै आसै-पासै* शीर्षक से अनुवाद किया जिसको केन्द्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली ने प्रकाशित किया है ।
लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अर्जुन देव चारण ने कहा कि नेपाली उपन्यास का राजस्थानी भाषा में डॉ आचार्य ने बेहतरीन अनुवाद किया है उन्होंने कहा कि लील बहादुर क्षेत्री नेपाली के वरिष्ठ साहित्यकार है, उन्होंने अपने अनुभवों से हम लोगों को इस उपन्यास के माध्यम से असम में रहने वाले नेपालियों के पुर्नवास के साथ उनके रोजगार की समस्या को परिचित कराने का प्रयास किया है। चारण ने कहा कि सरल-सहज भाषा में राजनैतिक द्वंद और अंतर्विरोध को बखूबी लिखा गया है । उन्होंने कहा कि अनुवाद मौलिक रचना में पर काया प्रवेश करने जैसा है, अनुवाद कर्म दोयम दर्जे का रचना-कर्म नहीं है,युवा रचनाकार डॉ नमामी शंकर आचार्य चीजों को सूक्ष्म तरीके से देखने वाले शोधार्थी है,यह उपन्यास राजस्थानी भाषा के पाठकों के लिए डॉ. आचार्य का मुकम्मल प्रयास है।
लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि राजेन्द्र जोशी ने कहा कि साहित्य अकादमी सदैव अन्य भारतीय भाषाओं के साहित्य को अधिक से अधिक राजस्थानी भाषा में प्रकाशित करने का प्रयास कर रही है, जोशी ने कहा कि युवा शोधार्थी डॉ नमामी शंकर आचार्य ने इस उपन्यास को राजस्थानी भाषा में अनुवाद कर इसके माध्यम से असम में रहने वाले नेपालियों की असली तस्वीर को राजस्थानी भाषा के पाठकों से रूबरू करवाने का प्रयास किया है, उन्होंने कहा कि यह उपन्यास स्वाभिमानी लोगों के दर्द का बेहतरीन अभिलेख है ।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नगेन्द्र किराड़ू ने कहा कि उपन्यास के माध्यम से राजस्थानी पाठकों को नेपाली लोगों द्वारा महसूस की गई हकीक़त से परिचित कराने का कामयाब काम अनुवाद के माध्यम से किया है ।
अनुवादक युवा शोधार्थी डॉ नमामी शंकर आचार्य ने अनुवाद कर्म पर अपनी बात रखते हुए कहा कि ब्रह्मपुत्र रै आसै-पासै उपन्यास का अनुवाद करते हुए भावनात्मक रूप से मैं असम में रहने वाले नेपालियों की दास्तान को झेलने वाले लोगों के दिलों में गोते लगाने लगा उन्होंने बताया कि किसी मनुष्य के दर्द को भाषा में उकेरना उसमें शामिल होने जैसी अनुभूति होने लगती है । इस अवसर पर अनेक लोग उपस्थित थे ।

बीकानेर। फ्लोरल हॉस्पिटल की ओर से 26 दिसंबर रविवार को शिव वैली स्थित फ्लोरल हॉस्पिटल में निशुल्क हड्डी व स्त्री चिकित्सा जांच शिविर का आयोजन होगा।
हॉस्पिटल के डॉ पंकज मोहता ने बताया कि इस शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सक हड्डियों की बीमारियों की व स्त्री रोगों की जांच, परामर्श व इलाज करेंगे। घुटनों ,गठिया व कमर दर्द के लिए विशेष जांच की जाएगी। इस शिविर में डा. पंकज मोहता, डॉक्टर आरती काबरा अपनी सेवाएं देंगे। इस अवसर पर खून की जांच, एक्सरे की सुविधा एक्सरे की सॉफ्टकॉपी, घुटने के दर्द के मरीजों की पीआरपी थेरेपी आदि की सुविधा निशुल्क रहेगी। कमर दर्द, गठिया, सायटिका, कोहनी, हाथ-पैर समेत हड्डी रोग से सम्बंधित जानकारी भी दी जाएगी। कमर दर्द के मरीजों को नर्व रूट ब्लॉॅक इंजेक्शन भी निशुल्क लगाया जाएगाl
शिविर का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक रहेगा। डॉक्टर आरती काबरा की सेवाएँ सुबह 8 से 10 बजे तक उपलब्ध रहेगी। पंजीयन का समय सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक रहेगा। पंजीयन के लिए 9461473156 ,7976728550 से सम्पर्क किया जा सकता है।

माहेश्वरी भवन ट्रस्ट ने किया कंबल वितरण का प्रकल्प
माहेश्वरी भवन ट्रस्ट द्वारा सर्दी के मौसम को देखते हुए राजकीय नेत्रहीन छात्रावासित उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं अपनाघर आश्रम रानीबाजार में कंबल वितरण के प्रकल्प का आयोजन रखा | ट्रस्ट से जुड़े रामकिशन राठी एवं श्यामलाल राठी ने बताया कि ट्रस्ट सदेव जरूरतमंद व्यक्तियों, संस्थानों को दैनिक आवश्यकता की वस्तुएं मुहैया करवाता आया है और आज इसी क्रम में ट्रस्ट द्वारा ऊनी कंबल का वितरण किया गया है | साथ ही कार्य्रम में उपस्थित बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने बताया माहेश्वरी ट्रस्ट द्वारा सदेव मानव सेवा के क्षेत्र में किये गये कार्य अनुकरणीय है और राजकीय नेत्रहीन छात्रावासित उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य मोहम्मद अल्ताफ से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में 35 बच्चे विद्यालय परिसर में आवासित है जिनको ट्रस्ट द्वारा भेंट किये गये कंबल से इस कडकडाती सर्दी में और अधिक राहत मिलेगी | साथ ही अपनाघर में आवासित प्रभुजी के लिए भी कंबल भेंट करना ट्रस्ट के नर सेवा नारायण सेवा के भाव को दर्शाता है | इस अवसर पर पार्षद पुनीत शर्मा, सुनील राठी एवं मन्ना सा आदि उपस्थित हुए।

img 20211225 wa01304511166893390242504 मनोज 'डीजीपी प्रशस्ति डिस्क' तथा 'प्रशस्ति-पत्र' से सम्मानित * बीकानेर बार शतरंज ** डॉ चारण ने कही यह बात ***गोकुल सर्किल श्रीमद भागवतकथा Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट

Thar पोस्ट। गोकुल सर्किल स्थित सूरदासाणी बगेची में आज श्रीमती दुर्गा देवी चूरा की पावन स्मृति में -चूरा परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा का भव्य शुभारम्भ हुआ। सुबह 9.15 बजे गणेश दास चूरा के आवास से भव्य कलश यात्रा सभी कथा प्रेमियों के सानिध्य में निकाली गई। यात्रा के दौरान लाल चुन्दड़ी की साड़िया पहनी महिलाएं प्रभु श्री कृष्ण के नाम की स्वर लहरिया बिखेरती हुई जा रही थी। सारा माहौल ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कान्हा की नगरी गोकुल में पहुंच गए हो। इसके बाद कथा स्थल पर भागवताचार्य मुरली मनोहर व्यास के श्री मुख से कथा का मधुर शुभारम्भ हुआ।

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कथा प्रसंग में भागवताचार्य व्यास ने बताया कि वेदों का सार भागवत है। सिर्फ स्मरण मात्र से हरि हमारे पास आ जाते हैं। भागवत 18000 श्लोकों का सार है। पहले दिन भागवत जी एवं शुकदेव जी का पुनीत प्रसंग सुनाया गया। भक्तों से भरे पंडाल में भक्तिमय परिवेश बन गया। बीच बीच में मथुर भजनों की सुर सरिता बहती रही। कथा के अनुरूप अनेक जीवन्त झाकियां प्रस्तुत की गई। फिर भव्य आरती की गई जिसमें नारायण दास, गणेश दास, विश्वनाथ, गोपी किशन, गोकुल चूरा आदि परिजन शामिल हुए। रात्रि को भजन संध्या का आयोजन भी रखा गया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षाविद प्रदीप व्यास ‘हिन्द’ ने किया।


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