Thar पोस्ट, बीकानेर। सामान्यत: धन आदि के दान की महिमा का भी लगभग सभी धर्मशास्त्रों ने गान किया है। ऐसे में यदि सृष्टि के कल्याण के लिये सर्वस्व ही नहीं, अपितु अपने जीवन का ही उत्सर्ग कर दिया जाऐ तो इसे महादान ही कहा जाएगा।महर्षि दधीचि एक ऐसे ही महादानी पुराण पुरूष हैं
युवा अध्यक्ष आशीष दाधीच ने बताया कि जबरेश्वर महादेव में स्थित महर्षि की मूर्ति का दूध से अभिषेक पंडित श्रवण दाधीच द्वारा किया गया साथ ही गायो को हरा चारा भी खिलाया गया मगनलाल ओझा ने बताया कि सरकारी नियमानुसार समाज द्वारा कोई विशाल आयोजन नही किया गया है आशीष दाधीच ने ये भी बताया कि भारतीय सुरक्षाबलों में सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र में महर्षि दधीचि के वज्र का अंकन है, और इसके इतिहास में इसका उल्लेख है|
समाज के भारत शर्मा,ओम शंकर ओझा,रामदेव ओझा,अनिल,लक्ष्मण, त्रिलोक महेश आदि गणमान्य उपस्थित थे