Tp न्यूज़। विश्व अजूबे ताजमहल पर कीड़ों द्वारा हमला कर दिया गया है। कीड़ों के कारण ही इस विश्व धरोहर ताजमहल की उत्तरी दीवार पर यमुना किनारे के आर्च और दीवारों पर भी काले धब्बे पड़ गए हैं हर साल गर्मी बढ़ने के कारण ही ताज पर गोल्डी काइरोनोमस कीड़ों का हमला होता है. वहीं, इस बार फरवरी माह में ही तापमान करीब 30 डिग्री पहुंच गया, जिससे कीड़ों का हमला भी तेज हो गया. ऐसे में ताजमहल के उत्तरी दरवाजे की और चमेली फर्श और ऊपर मुख्य गुंबद की दीवारों पर कीड़ों के निशान भी नजर आने लगे हैं।
बताया जा रहा है कि नालों से आ रही गंदगी और सीवर के कारण यमुना नदी में ताजमहल के पीछे लगभग दलदल बना हुआ है। यमुना जल में फास्फोरस ज्यादा होने से गोल्डी काइरोनोमस कीड़े भी तेजी से पनप रहे हैं। यह मुख्य गुंबद के संगमरमरी आर्च तक पहुंच गए हैं। यहां इन कीड़ों के स्राव से काले और भूरे रंग के धब्बे संगमरमरी दीवारों पर दिखने लगे हैं। वहीं, बीते साल लॉकडाउन के कारण मार्च-अप्रैल में यमुना नदी कुछ हद तक साफ हो गई थी, जिससे कीड़े नहीं पनप पाए।
लेकिन फरवरी माह में इस साल तापमान तेज हो गया है, जिसके कारण कीड़े की तादाद भी बढ़ गई है और वह ताज पर धब्बा लगाने आ गए. कीड़ों के बारे में बात करते हुए अधीक्षण पुरातत्वविद् वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि यमुना नदी में पानी कम होने और प्रदूषण बढ़ने पर कीड़ों की मात्रा में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण काले निशान संगमरमर पर पड़ने शुरू हो गए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि शुक्रवार को साप्ताहिक बंदी के दौरान ताज की सफाई की जाएगी और इन धब्बों को हटवाया जाएगा। जानकारी में रहे कि अम्लीय वातावरण भी संगमरमर के साथ हवा में केमिकल रिएक्शन करता है। बीकानेर के जूनागढ़ महल के सामने शाही महाराजा डूंगर सिंह की प्रतिमा पर भी पास में सूरसागर तालाब की गंदी अम्लीय हवा का असर हुआ था बाद में सूरसागर की सफाई हुई। प्रतिमा का भी रासायनिक उपचार हुआ।