यह दुनिया भी विचित्रताओं से भरी है। अनूठे मेले औऱ परम्पराओं को उत्साह से निभाया जाता है। यहाँ बात राजस्थान के जोधपुर में होने वाले एक अनूठे मेले की। यहां दुनिया के सबसे अनोखे मेले का आयोजन किया जाता है, जहां पर 16 दिन पूजा करने के बाद सुहागिन महिलाएं अलग-अलग स्वांग रचकर रात में सड़कों पर निकलती हैं, इसे बेंतमार के नाम से भी जाना जाता है. प्रचीन काल से चले आ रहे, इस मेले की खासियत यह है कि भाभी अपने देवर और अन्य कुंवारे युवकों को प्यार से छड़ी मार कर बताती हैं कि यह कुंवारा है. जिसके बाद कुंवारे लड़कों की शादी जल्द हो जाती है।
महिलाओं के पास आने की नहीं हिम्मत
इस मेले के दौरान महिलाओं के पास से गुजरने की हिम्मत नहीं होती, क्योंकि गवर मेले के दौरान पूरा राज महिलाओं का ही चलता है और उनके पास आते ही बेंत पड़ जाती है। इसके अलावा मेले में विभिन्न स्वांग रचती हैं जिसमें कोई काली मां बनती हैं तो कोई शिव-पार्वती, कृष्ण का रुप धारण करती है। कई महिलाएं दाढ़ी एवं मूंछे लगाकर केसरिया सहित अलग अलग रंगे के साफा बांधकर लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी वहीं कई जगहों पर वे नाचते गाते हुए मेले का लुत्फ उठाया।
16 दिन चलता है पूजन
हाल ही में अप्रैल 2022 में मेले आयोजित हुआ। 16 दिन तक धींगा गवर माता का पूजन किया गया। वहीं 16वें दिन पूरी रात महिलाएं घर से बाहर रहती है और अलग-अलग समय में धींगा गवर की आरती करती है. मेले में महिलाएं अलग-अलग स्वांग रच कर पूरी रात शहर में घूमती हैं.धींगा गवर की अनूठी पूजा करने वाली महिलाएं दिन में 12 घंटे निर्जला उपवास करती है
सैंकड़ों वर्षों की परंपरा
563 सालों से यह पूजा चली आ रही है. इसके पीछ यह मान्यता है कि मां पार्वती ने सती होने के बाद जब दूसरा जन्म लिया था तो वो धींगा गवर के रूप में आई थी।व्रत रखने वाली महिलाएं एक समय भोजन करती हैं और माता की पूजा में मीठा का भोग लगाया जाता है. जो महिलाएं यह व्रत रखती है उनके हाथ में एक डोरा बंधा होता है जिसमें कुमकुम से 16 टीके लगाए जाते हैं.