Thar पोस्ट, बीकानेर। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोलायत की प्राचार्य डॉ शालिनी मूलचंदानी ने बताया कि आयक्तालय कॉलेज शिक्षा जयपुर राजस्थान के निर्देशानुसार महाविद्यालय में रिक्त पदों के प्रवेश हेतु ऑफलाइन आवेदन महाविद्यालय द्वारा लिए जा रहे है जो विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रह गए है वो महाविद्यालय में 12 नवम्बर तक महाविद्यालय में आकर आवेदन पत्र लेकर उसे भरकर महाविधालय मे जमा कराना सुनिश्चित करें साथ ही ऑफ लाइन फीस जमा कराने की दिनाँक 15,16 नवंबर की गई है सूची में शामिल विद्यार्थी अंतिम दिनांक से पूर्व महाविधालय मे आकर फीस जमा करा सकते हैं।
मंगलवार को बाधित रहेगी विद्युत आपूर्ति
Thar पोस्ट। विद्युत उपकरणों के आवश्यक रखरखाव के मद्देनजर मंगलवार को सुदर्शना नगर, गांधी कॉलोनी और बजरंगपुरी क्षेत्र में प्रातः 6:30 से 10:00 तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। बीकेईएसएल के सहायक अभियंता ने यह जानकारी दी।
पुनीत रंगा की पुस्तक का लोकार्पण कल
Thar पोस्ट, बीकानेर। प्रभा खेतान फाउंडेशन और ग्रासरूट फाउंडेशन की ओर से आखर पोथी का आयोजन 9 नवम्बर को किया जाएगा। इसमें युवा साहित्यकार पुनीत कुमार रंगा की पुस्तक ‘लागी किण री नजर’ का लोकार्पण और पुस्तक पर साहित्यिक चर्चा की जाएगी। इस पुस्तक में राजस्थानी कविताओं का संग्रह है। इन कविताओं का विषय प्रकृति की पीड़ा, बादल, धरती, नदी, समुद्र, पहाड़, मौसम आदि है। इस पुस्तक की भूमिका कवि एवं नाटककार हरीश बी. शर्मा ने लिखी है और टिप्पणी डॉ. मदन सैनी और डॉ. मदन गोपाल लढ़ा ने लिखी है। श्रीसीमेंट के सहयोग से शाम 5 बजे होने वाले इस कार्यक्रम की अध्यक्षता ओमप्रकाश भाटिया करेंगे। प्रस्तावना हरिचरण अहरवाल प्रस्तुत करेंगे और समीक्षा मदन गोपाल लढा करेंगे।
साहित्यकार रंगा की वर्ष 2018 में राजस्थानी कविता संग्रह ‘मुगत आभौ’ पुस्तक आई थी। रंगा वर्ष 2002 से साहित्य सृजन में रत है। अंग्रेजी, हिंदी और राजस्थानी में कविताओं के साथ साथ हिंदी और राजस्थानी में कहानी और स्तम्भ लेखन जारी है। इनकी रचनाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है। इन्हें बीकानेर नगर निगम साहित्य सम्मान 2019, कागद साहित्य सम्मान (युवा 2020) राष्ट्रीय विशिष्ट साहित्यकार सम्मान (अदबी उड़ान) सहित अन्य पुरस्कार और सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
आखर पोथी आयोजन अंतर्गत अभी तक 8 पुस्तकों पर चर्चा हो चुकी है। राजस्थानी साहित्य से परिचय करवाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। आखर पोथी आयोजन अंतर्गत अब तक राजस्थानी भाषा की 8 पुस्तकों पर साहित्यिक चर्चा हो चुकी है। इसमे साहित्यकार मोहन पुरी की पुस्तक अचपळी बातां, गजेसिंह राजपुरोहित की पुस्तक पळकती प्रीत, लेखिका संतोष चौधरी की पुस्तक काया री कळझळ, भोगीलाल पाटीदार की पुस्तक हिजरतु वन, शिवचरण सेन की पुस्तक इंतकाळ और डॉ. घनश्यामनाथ कच्छावा की पुस्तक अटकळ,
मानसिंह राठौड़ मातासर की पुस्तक टाबरिया म्है टाबरिया और ओळयूं को इंदरधनख का लोकार्पण और साहित्यिक चर्चा हो चुकी है।