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Screen Shot 2020 08 19 at 5.45.42 PM 150 भुजिया, पापड से जुड़े मुद्दे को केंद्रीय मंत्री ने लिया गंभीरता से Bikaner Local News Portal राजस्थान
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Tp न्यूज। बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने बताया कि सूक्ष्म व लघु उद्योग पापड़, भुजिया, बड़ी व रसगुल्ला उद्योग के खाद्य सुरक्षा अनुज्ञा पत्र (फूड लाईसेंस) 1 नवंबर 2020 से दिल्ली से जारी करने प्रक्रिया को रूकवाने हेतु केन्द्रीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल एवं अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने तुरंत संज्ञान लेते हुए प्रदेश के इन सूक्ष्म लघु उद्योगों के अस्तित्व को बचाए रखने हेतु स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्द्धन को पत्र लिखा। दोनों सांसदों ने पत्र के माध्यम से खाद्य सुरक्षा अनुपालन प्रणाली FSSAI के नवीन लाइसेंसिंग एवं रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में रेडी टू ईट फ़ूड श्रेणी को पुन: शामिल करने की और ध्यान आकर्षित करते हुए बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नवीन लाइसेंसिंग की प्रक्रिया उद्योगों के डिजिटलाइजेशन के लिए आवश्यक है पूर्व में जो FLRS फ़ूड लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सिस्टम संचालित था उसमें क्रमांक 1.7 डेयरी उत्पाद जैसे रसगुल्ला, गुलाबजामुन एवं क्रमांक 15 रेडी टू ईट जैसे पापड़, भुजिया पदार्थ की अलग श्रेणी थी अब नवीन अधिनियम के तहत खाद्य सुरक्षा अनुपालन प्रणाली में पापड़, भुजिया, नमकीन, रसगुल्ला एवं मिठाई को प्रोप्राईटरी फ़ूड श्रेणी में रखा गया है | मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने यह भी बताया कि मेरे लोकसभा क्षेत्र बीकानेर पूरे विश्व में खाद्य पदार्थों के लिए अपनी विशेष पहचान रखता है बीकानेर में 5 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार पापड़, भुजिया, नमकीन, रसगुल्ला एवं मिठाई से मुहैया होता है वर्तमान में खाद्य सुरक्षा अनुपालन प्रणाली की किसी भी केटेगरी में पापड़, भुजिया, रसगुल्ला एवं मिठाई नहीं है जिसके कारण उन्हें प्रोपराईटरी फ़ूड में रखा गया है अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने बताया कि इन खाद्य उद्योगों के लोगों को नवीन लाइसेंसिंग एवं रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बहुत असुविधाजनक है देश के अधिकाँश लोग इसी श्रेणी में आते हैं इसलिए FLRS की तरह पुन: रेडी टू ईट श्रेणी को खाद्य सुरक्षा अनुपालन प्रणाली में शामिल किया जाए पापड़, भुजिया, नमकीन, रसगुल्ला एवं मिठाई प्रोपराईटरी फ़ूड से बाहर निकाल कर देश के समस्त सूक्ष्म लघु एवं मध्यम खाद्य उत्पादकों को राहत पहुँचाने के लिए मंत्रालय से सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया जाए।


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