Thar पोस्ट, जयपुर। राजस्थान में एक सितंबर से सरकारी व प्राइवेट स्कूल शुरू हो जाएंगे। स्कूलों में न सिर्फ बच्चों को दूर बैठाया जाएगा, बल्कि स्कूल आने का समय भी अलग-अलग होगा।एक पारी स्कूल में 9वीं व 11वीं के स्टूडेंट्स को सुबह साढ़े सात बजे स्कूल आना होगा, जबकि 10वीं व 12वीं के स्टूडेंट्स आठ बजे स्कूल आएंगे। दो पारी स्कूल में नौंवीं व ग्यारहवीं को साढ़े बारह बजे बजे से साढ़े पांच बजे तक स्कूल रहना होगा, जबकि दसवीं व बारहवीं के स्टूडेंट्स को एक से छह बजे तक स्कूल में रहना होगा। दोनों की छुट्टी में भी आधे घंटे का अंतर रहेगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने ऐसे ही नियमों की सलाह SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी कर दी है। खास बात ये है कि अगर कोई स्टूडेंट स्कूल नहीं आ रहा है तो उस पर दबाव नहीं बनाया जायेगा कि वो स्कूल आये।
राज्य सरकार ने पिछले दिनों कक्षा 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स के लिए ऑफलाइन क्लासेज शुरू करने की घोषणा की थी। एक सितंबर से शुरू हो रही इन क्लासेज के लिए सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल को SOP की पालना करनी होगी। पिछले सेशन में भी स्कूल शुरू हुए तब भी SOP जारी की गई थी। इस बार लगभग वैसे ही निर्देश दिए गए हैं। खास बात ये है कि इस बार समय में फेरबदल किया गया है। 9वी व 11वीं के स्टूडेंट्स सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े बारह बजे तक स्कूल आएंगे, जबकि 10वीं व 12वीं के स्टूडेंट्स आठ बजे से एक बजे तक स्कूल में रहेंगे।
खुली क्लास में बैठेंगे स्टूडेंट्स
शिक्षा विभाग ने सभी स्टूडेंट्स को खुली क्लासेज में बिठाने के निर्देश दिए हैं। जिन क्लासेज में खिड़की होगी, उसी क्लास में बच्चे बैठ सकेंगे। बंद और बिना खिड़की व रोशनदान वाले कमरे में क्लासेज नहीं लगाने की सिफारिश की गई है।
पेरेंट्स की अनुमति लेनी होगी
एक बार फिर ऐसे नियम बनाए जा रहे हैं कि स्कूल को पेरेंट्स से ये लिखित में लेना होगा कि वो अपनी मर्जी से स्टूडेंट्स को स्कूल भेज रहा है और बच्चे कोविड नियमों का पालन करेंगे। अगर पेरेंट्स बच्चों को अनुमति नहीं देते हैं तो उस बच्चे के लिए आना अनिवार्य नहीं होगा।
इन नियमों का करना होगा पालन
स्टूडेंट्स के बीच में दो गज की दूर रहेगी। एक ही टेबल पर अगर तीन स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था है तो वहां बीच की सीट खाली रहेगी।
लंच के लिए बच्चों को ओपन स्पेस उपलब्ध कराना होगा। बच्चे लंच एक साथ नहीं करेंगे और वाटर बोटल भी घर से लेकर आएंगे। अगर नहीं लाए तो स्कूल से शुद्ध पानी देना होगा।
स्टूडेंट्स-टीचर को फेस मास्क का उपयोग जरूरी
प्रार्थना सभा नहीं होगी।
खेलकूद गतिविधियों पर भी रहेगी रोक।
विद्यार्थी को पेन, कॉपी, पेंसिल का आदान-प्रदान नहीं करना होगा।