Thar पोस्ट, न्यूज। सादुलगंज कच्ची बस्ती प्रकरण को लेकर आज पार्षद मनोज बिश्नोई के नेतृत्व में संभागीय आयुक्त से उनके निवास पर मुलाकात कर उन्हें पूरे प्रकरण को अवगत करवाया पार्षद मनोज विश्नोई ने बताया कि सादुल गंज 70 वर्ष पूर्व कच्ची बस्ती है और नगर विकास न्यास गलत तरीके से कच्ची बस्ती को अतिक्रमण मानकर हटाना चाहता है हाई कोर्ट में जो आदेश हुआ उसमें नगर विकास न्यास ने गलत तथ्य पेश किए नगर विकास न्यास कच्ची बस्ती ने मानकर व्यवसाय गतिविधि मान रहा है इसको चलता है संभागीय आयुक्त ने कहा क्या मैं खुद मौका देख लूंगा शाम को 6:00 बजे संभागीय आयुक्त मोटरसाइकिल पर पूरी कॉलोनी की विजिट की और इसी के साथ ही जिला कलेक्टर को भी शिष्टमंडल ने पूरी स्थिति से अवगत करवाया तो आश्वासन दिया जिला कलेक्टर महोदय ने कानूनी प्रक्रिया में हम बंदे हुए हैं तो पार्षद मनोज विश्नोई ने कहा जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक कॉलोनी मैं किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं करें शिष्टमंडल में नवरत्न सिंह राजू कुमार बसंत सिंबा बलराज विश्नोई प्रेम बिश्नोई मधु भाई श्री नारायण रमेश उपाध्याय सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे।
Thar पोस्ट, बीकानेर। श्री णमोत्थुणं जाप व्यवस्था समिति के बैनर तले अरहिन्त भवन में चल रहे तप साधना कार्यक्रम में जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र ने कहा कि ख्वाहिशें इंसान को जीने नहीं देती और इंसान ऐसा प्राणी है जो ख्वाहिशों को मरने नहीं देता। आदमी की इच्छाएं तो अनंत है,उसका एंड नहीं आ सकता । कितना भी उसे पूर्ण करने के लिए भागता रहे तब भी तृप्त नहीं हो पाएगा । लालसा के पीछे नहीं संतोष में जीना होगा,तभी सुख पाएगा। आचार्य जी ने आगे समझाया कि बेजुबान पशु कभी लालसा नहीं रखते। कितना भी अच्छे से अच्छा खाना सामने पड़ा हो पेट भर गया तो वो सब छोड़ देंगे । उन्हें आराम की नींद आती है,और इंसान ही एक ऐसा प्राणी है वो तृष्णा में जीता है। संग्रहवृति ने उसकी नींद तक हराम कर रखी है। आचार्य ने विषय को सफल बनाते हुए कहा कि हर इंसान की तीन इच्छाएं महत्वपूर्ण होती है, तन की स्वस्थता,धन की बढ़ोतरी,प्रतिष्ठा का विस्तार । इन तीनों की प्राप्ति के उपाय महावीर स्वामी ने बतलाए हैं।तन की स्वस्थता के लिए भगवान ने उपवास तो एक अति उत्तम उपाय बतलाया ही है उसके साथ ही मन का संकल्प भी सही होना चाहिये। अगर मन बुढ़ापा या कुछ भी पकड़ता है तो शरीर में कमजोरी और रोग बढ़ता है । सर्प का जहर खाने के बाद भी आदमी को 12 वर्ष तक पता नहीं चला तो वो मरा नहीं और ज्यों ही उसे मालूम चला कि उसने जहर खाया है तो 12 वर्ष बाद भी आधी घंटे में मर गया । यही स्थिति बुढ़ापे की है अगर हमारा मन बुढ़ापा न पकड़े तो वह सदा तरोताजा रह सकता है।