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IMG 20220104 WA0182 सादुल स्पोर्ट्स स्कूल के मुख्य द्वार पर ताला लगाकर दिया धरना Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट
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आखिर टूट गया खेलप्रेमियों के सब्र का बांध

Thar पोस्ट,बीकानेर। करीब आधे दशक से खेल और खिलाड़ी के संघर्ष कर रहे एक युवा खिलाड़ी और उनके साथियों का सब्र का बांध टूट गया। ज्ञापन, निवेदन, वार्ता के बावजूद समस्या का हल नहीं होने पर राजस्थान बाॅस्केटबाॅल टीम के पूर्व कप्तान दानवीर सिंह भाटी और उनके साथियों ने राज्य के एक मात्र सरकारी आवासीय खेल विद्यालय सार्दूल स्पोट्र्स स्कूल के गेट के आगे ताला जड़ दिया। बीकानेर जिला मुख्यालय पर स्थित इस सरकारी खेल विद्यालय राजकीय सार्दूल स्पोट्र्स स्कूल के गेट पर सुबह साढ़े दस बजे पूर्व कप्तान दानवीर सिंह भाटी और विभिन्न खेल विधाओं से जुड़े खिलाड़ियों व पूर्व खिलाड़ियों ने ताला जड़ दिया। स्कूल के मुख्य द्वार पर ताला इसलिए जड़ा गया क्योंकि यहां प्रशिक्षित हो रहे खिलाड़ियों के लिए मूलभूत सुविधाओं में भी वक्त की मांग के अनुसार लंबे समय से ईजाफा नहीं किया जा रहा वहीं खेल के मैदान भी क्षतिग्रस्त हो रखे हैं। सार्दूल स्पोट्र्स स्कूल के मुख्य द्वार पर ताला लगाने के बाद खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए पूर्व कप्तान दानवीर भाटी ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री से लेकर विधायकगण, पूर्व मंत्रीगण, वर्तमान विधायकगण और सरकारी ऊंचे ओहदे पर बैठे मुख्य सचिव अधिकारियों से भी सार्दूल स्पोट्र्स स्कूल की दशा और दिशा बदलने को लेकर करीब तीन साल से खिलाड़ी मांग उठा रहे हैं लेकिन इस पर प्रभावी सुनवाई नहीं हो पाई। यही नहीं इसे लेकर प्रदेश की मीडिया में भी कई बार खबरें भी प्रसारित हुई लेकिन सरकार के स्तर पर खिलाड़ियों की इस मांग को अनसुना कर दिया। भाटी ने अपने संबोधन में इस बात को लेकर विरोध प्रकट किया कि राजकीय सार्दूल स्पोट्र्स स्कूल में वर्तमान में कार्यरत 12 खेलो में 7 खेलो पर एन.आई.एस. डिप्लोमाधारी एवं 5 खेलों पर सी.पी.एड./बी.पी.एड. योग्यताधारी शारीरिक षिक्षकों को नियम विरूद्व पदस्थापित कर रखा है। यहां स्वीकृत 12 खेलों में उपकरण पेटे षिक्षा विभाग द्वारा प्रतिवर्ष मात्र 01 लाख रूपये दिये जाते है जिससे की खिलाडियों की जरूरत के 25 प्रतिषत उपकरण भी नही आते है। खेलो के खेल मैदानों की स्थिति जर्जर है, यह खेलने लायक स्थिति में भी नहीं है। खिलाड़ियों के लिए मैस में भोजन का स्तर काफी निम्न है, विगत 14 वर्षो से भोजन भत्ता मात्र 100 रूपए है। यहां एक भी कुक का पद स्वीकृत नहीं है, भोजन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के द्वारा बनाया जाता है। भाटी ने कहा कि महंगाई का दौर साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है लेकिन सार्दूल स्पोट्र्स स्कूल में खिलाड़ियों को किट मनी के नाम पर पिछले चालीस साल से एक हजार रूपए ही देय है। विद्यालय परिसर में हाॅस्टल की स्थिति काफी जर्जर व दयनीय है सभी कमरे टूटे फूटे व उसमें शौचालयों की स्थिति काफी ज्यादा खराब है। विधालय के अंदर वर्षो से संचालित राजकीय स्थाई डिस्पेन्सरी व नियुक्त स्टाॅफ भवन उपलब्ध होने के बावजूद विगत्त कई वर्षो से बन्द है।

शिक्षा निदेशक द्वारा वार्ता के लिए बुलाए जाने पर ही खोला गया ताला

सार्दूल स्पोट्र्स स्कूल के मुख्य द्वार पर ताला लगाने और धरना देकर विरोध दर्ज कराने की सूचना से माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम को अवगत कराया गया तो उन्होंने दानवीर सिंह भाटी को प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता के लिए बुलाया। शिक्षा निदेशक ने इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे दानवीरसिंह और उनके साथी प्रतिनिधिमंडल से निदेशालय परिसर में वार्ता की और उन्हें सार्दूल स्पोट्र्स स्कूल की समस्याओं का निराकरण करते हुए वहां खेल सुविधाओं का विकास करवाने का आश्वासन दिया। इस दौरान पूर्व कप्तान भाटी ने शिक्षा मंत्री के नाम का ज्ञापन भी माध्यमिक शिक्षा निदेशक को सौंपा।, धरने में देवेंद्र मेड़तिया, भैरू रतन ओझा, दिलीप बिश्नोई, रघुवीर सिंह, नवीन सिंह तवर, विनयराज सिंह, एमजीएसयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष जयवीर सिंह भाटी, अविनाश राठौड़, दिग्विजय पांडे, नवल बेलासर, अमन डूडी, रॉबिन सिंह, गोवर्धन, भरत गहलोत व 150 से ज्यादा विभिन्न खेलों के राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय खिलाड़ी उपस्थित रहे।


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