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Thar पोस्ट, नई दिल्ली। कुछ बंधन ऐसे होते हैं जो बिन बांधे बंध जाते है। कुछ ऐसा ही हुआ है। हरियाणा के एक गांव में। यह मामला इतना दिलचस्प है कि सोशल मीडिया पर भी इसकी खूब ज्यादा चर्चा हो रही है। दरअसल इस देशी युवक का नाम रमेश है और वो हरियाणा के एक छोटे से गाँव में अपने परिवार के साथ में रहता है। रमेश सिर्फ 12वी पढ़ा है और ऑनलाइन साईट पर बात के दौरान उसकी मुलाक़ात एक रूस की लडकी के साथ में हुई थी। पहले दोनों दोस्त टाइप बने और फिर रमेश को उससे प्यार हो गया तो उसने लड़की से इजहार भी कर दिया और फिर लड़की मान भी गयी। यह अचानक हुआ। अब प्यार हुआ है तो फिर इसके मुकम्मल होने के लिए दोनों का मिलना भी तो जरूरी था। यहाँ यह बता दूं कि अमेरिका और यूरोप के देशों के नागरिकों के लिए दूरी कोई मायने नही रखती। इन विकसित देशों के नागरिक हवाई यात्रा के आदि है और एडवांस तकनीक से तुरंत बता देते है कि आप कहाँ किस जिले या गाँव मे रहते है औऱ वहां आसानी से पहुंच ही जाते है। भारत या राजस्थान आने वाले सैलानी इसका आसानी से पता लगा लेते है कि उन्हे किस होटल या गेस्ट हाउस या गाँव पहुंचना है। इसके अलावा अपने साथ कई बार धोखाधड़ी होने पर भी ये अपने शिकारी को खोज निकालते है। खैर विदेशी बाला अपने प्रेम के चलते रमेश के पास में हरियाणा के उसी गाँव में चली आयी है पहली बार में तो रमेश के घर वाले और आस पास के लोग भी हैरान ही थे कि इतनी दूर विदेश से लडकी उनके घर के बेटे से प्यार के चलते हुए मिलने के लिए आई है। लेकिन अब यह लड़की इन दिनों हिन्दू रिवाजो के साथ में रमेश के साथ में शादी करने और अपनी जिन्दगी देशी तरीके से बिताने की बहुत ही ज्यादा इच्छुक है। वो चूल्हा जलाने से लेकर रोटियां पकाने तक सब कुछ सीख रही है ताकि देशी लाइफस्टाइल को सीख सके और रमेश के साथ जिन्दगी बिता सके। चूल्हा जलाना, सब्जी बनाना आदि का अभ्यास चल रहा है। यूरोप के देशों में एक जैसा जीवन यापन कर चुकी अनेक युवतियों को मैंने जैसलमेर औऱ बीकानेर के मिट्टी के धोरों और गावों में देशी शैली में जीवनयापन करते देखा है। जैसलमेर और पुष्कर में अनेक विदेशी युवतियों ने विवाह भी किये है ।कुछ साल पहले बीकानेर में चेक गणराज्य की दो युवतियों ने बाजरे का खीचड़ा कूटना और देशी चूल्हे पर बनाना सीखा था।
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