Thar पोस्ट, नई दिल्ली। यूक्रेन-रशिया युद्ध के चलते भारत मे महंगाई की मार पड़ेगी। खाने का तेल के साथ पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ेंगे। अन्य वस्तुओं पर भी असर होगा। वर्तमान में कच्चा तेल 105 डॉलर पर पहुंच गया है। इससे देश में पेट्रोल डीजल और गैस महंगी होनी तय मानी जा रही है। इसका सीधा प्रभाव रसोई घर पर भी पड़ना तय माना जा रहा है। इसका कारण सूरजमुखी का तेल (Sunflower Oil) है। भारतीय रसोई घरों में प्रमुखता से प्रयोग में आने वाले सूरजमुखी के तेल का आयात यूक्रेन से ही होता है। मौजूदा संकट से घरेलू बाजार में सूरजमुखी ऑयल की सप्लाई प्रभावित होने की आशंका है। इससे सूरजमुखी के तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। इस महंगाई से मुकाबला करने के लिए लोगों के पास अन्य तेलों का रुख करने का विकल्प होगा ,जिनकी कीमतें फिलहाल स्थिर हैं। भारत में बड़ी संख्या में लोग खाने में सूरजमुखी के तेल का उपयोग करते हैं। भारत में करीब 35 लाख टन सूरजमुखी के तेल की खपत होती है। दूसरे शब्दों में कहें तो हर 10 में से दूसरा भारतीय खाने में सूरजमुखी तेल का इस्तेमाल करता है। दुनिया में यूक्रेन सूरजमुखी के तेल का सबसे बड़ा निर्यातक है। विश्व में 70 फीसद सूरजमुखी का तेल यूक्रेन निर्यात करता है। सनफ्लावर तेल के दूसरे प्रमुख निर्यातकों में रूस और अर्जेंटीना हैं। दुनिया में करीब 90 फीसद सूरजमुखी का तेल रूस और यूक्रेन निर्यात करता है, ये दोनों ही देश विवाद का केंद्र हैं। जहां तक कच्चे तेल के 105 डॉलर पहुंचने का सवाल है तो इससे माल ढुलाई पर भी असर आएगा और इसके चलते खाने-पीने की चीजों जैसे सब्जियों-फल, दालें, तेल आदि सभी महंगे होने के आसार हैं। रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध से भारत में महंगाई बढ़ने के आसार नजर आने लगे हैं। अगर महंगाई बढ़ी तो रिजर्व बैंक के अनुमानित आंकड़ों से ये ऊपर चली जाएगी और फिर देश का केंद्रीय बैंक दरें बढ़ाने पर मजबूर हो जाएगा।