Thar पोस्ट, नई दिल्ली। यूक्रेन रूस में युद्ध का असर अब अन्य देशों पर भी हो रहा है। लाखों लोग अब यूरोप की ओर रुख कर चुके है। इनमे बड़ी संख्या में वो लोग भी है जो अपने रसूख से जीवन जीते थे अब शरणार्थी है। पिछले हफ्ते से जारी रूसी आक्रमण के कारण करीब 500,000 लोग यूक्रेन से पोलैंड पहुंच चुके हैं. यूरोप में पोलैंड के अलावा रोमेनिया समेत कई देशों ने यूक्रेन से पहुंच रहे शरणार्थियों के लिए सीमा, दिल और दरवाजे खोल दिए हैं।पोलैंड के वॉरसॉ में अधिकारियों ने बताया है कि बीते कुछ ही दिनों में यूक्रेन की ओर से उनकी सीमा में लाखों लोग पहुंच रहे हैं. पोलैंड के प्रधानमंत्री माटेउस मोरावीस्की ने कहा है, “हम अपने पड़ोसियों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम ऐसा कर रहे हैं. हमने एक मानवीय गलियारा बनाया है और हमारी तरफ से जो कुछ भी हो सकता है हम वो सब कुछ तेजी से कर रहे हैं.” प्रेस को यह बयान देने के बाद पोलिश प्रधानमंत्री यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स माइकल के साथ कॉर्सोवा बॉर्डर क्रॉसिंग का दौरा करने गए.
इस बीच रूसी सॉफ्टवेयर इंजीनियर मिखाइल ल्यूब्लिन और उनकी यूक्रेनी प्रेमिका ने कीव से हंगरी जाने के लिए पांच दिनों तक ट्रेनों और बसों में यात्रा की. उन्हें कभी-कभी लगा कि वह हमले के बीच मंजिल तक नहीं पहुंच पाएंगे.
बीते कई महीनों से रूस हमले की ऐसी किसी भी संभावना से इनकार करता आया था. अमेरिका समेत कुछ देशों से लगातार ऐसी सूचनाएं और चेतावनियां मिल रही थीं कि यूक्रेनी सीमा पर रूसी जमावड़ा बढ़ रहा है. पहले से अपने कहे पर पलटते हुए पिछले हफ्ते रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया. तभी से हजारों, लाखों की संख्या में आम शहरियों का हमले वाली जगहों से निकल कर भागना जारी है.पोलिश प्रधानमंत्री ने कहा, “जो लोग भी युद्ध से भाग रहे हैं, चाहे वे किसी भी राष्ट्रीयता के हों, पोलैंड उन लोगों की मदद कर रहा है.” उन्होंने लोगों से रूसी प्रोपेगैंडा पर विश्वास ना करने की अपील भी कि जिसमें यूक्रेनी लोगों को डराया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी तस्वीरें शेयर की गईं जिनमें अफ्रीकी मूल के कुछ लोगों को शिकायत करते दिखाया गया. वीडियो में यह लोग कहते दिखे थे कि सीमा पर यूरोपीय मूल के लोगों को जाने दिया जा रहा है जबकि उन्हें रोक दिया गया.
यूक्रेनी सीमा के पास जहोनी बॉर्डर क्रॉसिंग पर बुडापेस्ट के लिए ट्रेन टिकट की कतार में खड़े इस युवा जोड़े ने एक दूसरे को खुशी के साथ चूमा. ल्यूब्लिन कहते हैं, “यहां मौजूद अन्य सभी लोगों के उलट मैं रूस से हूं. मैं पिछले एक साल से यूक्रेन में रह रहा था.”
रूसी हमले पर ल्यूब्लिन कहते हैं, “यह पागलपन है और रूस इसके लिए कई सालों तक कीमत चुकाएगा. और पुतिन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.”यूक्रेन पर हमले के कारण रूस की आलोचना तो हो ही रही है, साथ ही साथ उस पर पश्चिमी देश प्रतिबंध भी लगा रहे हैं. कई देशों की कंपनियों ने रूस में अपना निवेश रोक दिया है और अपना कारोबार समेट रही हैं।