ताजा खबरे
बीकानेर संभाग स्तरीय आरोग्य मेला शुरू: आयुर्वेद, प्राकृतिक, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा विशेषज्ञ दे रहे निःशुल्क सेवाएंभाजपा नेताओं ने पटाखे फोड़कर, शंख बजाकर मनाया जश्न।दिल्ली चुनाव में बीजेपी प्रचंड जीत की ओरदेश: विदेश की खास खबरें, दिल्ली में भाजपा बहुमत की ओरयुवती के साथ मनचले ने की छेड़छाड़, पुलिस ने त्वरित की कार्रवाईदिल्ली चुनाव मतगणना में बीजेपी को जोरदार बढ़तश्रीमती सी एम मूंधड़ा चेरिटेबल ट्रस्ट ने किया डॉ. सुरेंद्र वर्मा का अधीक्षक बनने पर स्वागत अभिनंदनबैंकॉक में बीकानेर के धनाराम गोदारा को स्वर्ण और श्याम सुंदर स्वामी को सिल्वर पदकप्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्जविद्यार्थियों को मिली 6 लाख की छात्रवृत्ति
FB IMG 16204535459903980 बीकानेर स्थापना दिवस विशेष : यहाँ बनी थी पहली सड़क ! डागा बंधुओं ने बनवाई Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट
Share This News

IMG 20200926 224544 बीकानेर स्थापना दिवस विशेष : यहाँ बनी थी पहली सड़क ! डागा बंधुओं ने बनवाई Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट

Thar पोस्ट, बीकानेर । मिटटी के धोरों में जब पहली बार बनी सड़कें   ऐतिहासिक स्थलों के बीच बिछा सड़कों का जाल बीकानेर। धोरों के धरती में जैसे-जैसे आवश्यकता महसूस की गई वैसे-वैसे रेतीले स्थान को चीर कर सड़कों का निर्माण किया जाने लगा। रियासतकाल में निर्मित सड़कों का जो जाल बिछाया गया वह दशकों तक बरकरार रहा।    गेट व शहर सफील तक   बीकानेर के भौगोलिक परिदृश्य को देखते हुए सड़कों का जाल बिछाया गया। बीकानेर नगर समुद्र की सतह से 734 फुट की ऊंचाई पर बसा हुआ है। बीकानेर नगर के बीच में एक जैन मन्दिर बना हुआ है। इसके निकट से पांच मार्ग निकलते हैं जो अन्य सड़कों से मिलते हुए शहरपनाह के किसी एक दरवाजे तक जा मिलते हैं। शहरपनाह में बसा नगर ऊंचा भू भाग है। इसके चलते बारिश का पानी नहीं ठहरता। शहरपनाह, शहर सफील या परकोटे का घेरा साढ़े चार मील तक फैला है। पत्थर से निर्मित इसकी चौड़ाई छह फुट और ऊंचाई अधिकतम 25 से 30 फुट है। इसमें अनेक दरवाजे बने हुए हैं जिनमें कोटगेट, जस्सूसर गेट, नत्थूसरगेट, शीतलागेट व गोगागेट के नाम से जाने जाते हैं। इसके अलावा अनेक बारियां यानि छोटे गेट बने हुए हैं। सभी गेट व बारियों तक पहुंचने के लिए सड़कों का इस्तेमाल होता है।           सर्वप्रथम यहां कांकर रोड का निर्माण हुआ था। शुरूआत में वर्ष 1906-07 में शिवबाड़ी से नागणेचीजी। इसके साथ में गजनेर से कोडमदेसर, गजनेर से कोलायत तक तीन सड़कों का निर्माण हुआ। इसका खर्च बीकानेर के राय बहादुर सेठ कस्तूरचंद डागा एवं उनके छोटे भाई सेठ सुगनचंद डागा ने दिया।    बीकानेर की सड़कों पर एक नजर   1894-96 बीकानेर से गजनेर। 1907-08 कोटगेट से रेलवे स्टेशन। 1911-12 बीकानेर रेलवे स्टेशन से गंगाशहर, किले के चारों ओर सड़क। 1914-15 किंग एडवर्ड मेमौरियल रोड का सुधार। 1915-16 कोटगेट से दाऊजी मन्दिर, चौतीना कुआ से रायबहादुर सार्दुल सिंह निवास तक। 1917-18 जूनागढ़ रोड से केईएम रोड तक फुटपाथ बना, पब्लिक पार्क गेट से गढ़ तक फुटपाथ, राजकीय डूंगर कॉलेज से रेलवे स्टेशन तक फुटपाथ बना। 1920-21 चौतीना कुआं सर्किल। 1924-25 लालगढ़ से लालगढ़ रेलवे स्टेशन। 1926-27 में जूनागढ़ से दशहरा चबूतरा, वर्तमान एम.एन. हॉस्पीटल का क्षेत्र।          1935-36 में सड़क मरम्मत व गंदे पानी की नालियों का निर्माण। 1942-43 भईया कुए से दम्माणी चौक, रांगड़ी चौक से रामपुरिया होते हुए लोहारों तक। इसके बाद बांठिया चौक से तेलीवाड़ा व बैदों का चौक, सुनारों की बड़ी गुवाड़, मरूनायक मन्दिर से आचार्य चौक, मोहता चौक से मोहता अस्पताल, नगरसेठ लक्ष्मीनाथ मन्दिर से गौशाला तक। रियासतकाल में बनी सड़कें बाद में नेताओं के नाम से जानी जाने लगी।   किंग एडवर्ड व जिन्ना रोड   बीकानेर में दो सड़कें आज भी अनेक नाम से जानी जाती है। इनमें केईएम रोड व जिन्ना रोड प्रमुख है। हालांकि केईएम रोड का नामकरण बाद में किंग एडवर्ड मेमौरियल रोड कर दिया गया। वहीं जिन्ना रोड का नामकरण सुभाष मार्ग किया गया। हालांकि ये दोनों ही मार्ग अपने पुराने नाम से भी जाने जाते हैं।   अतिक्रमण भी जारी   शहर की सड़कें सुविधा के हिसाब से बनाई गई, लेकिन इन पर अतिक्रमण भी जारी है। पुराना बड़ा बाजार, फड़बाजार सहित अनेक स्थानों पर दुकानों के आगे अतिरिक्त पाटे लगा दिए गए हैं। हालांकि समय-समय पर प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाती है। लेकिन कुछ ही दिनों मेंं हालात जस के तस हो जाते हैं।   नहीं ली जाती सुध   बीकानेर में अनेक स्थानों पर वर्तमान में बिजली पोल व टेलीफोन लाइनों के लिए सड़क की खुदाई होती है, लेकिन एक बार सड़क क्षतिग्रस्त होने पर इसे वापस ठीक नहीं किया जाता। कमोबेश यही


Share This News