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digi पात्र महाविद्यालयीय शिक्षकों को देय लाभ पात्रता-तिथि से देने सम्बन्धी आदेश अविलम्ब प्रसारित करवाने की मांग Bikaner Local News Portal राजस्थान
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Thar post, Bikaner राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) ने राज्य सरकार से महाविद्यालयीय शिक्षकों के लम्बे समय से बकाया सी.ए.एस. के लाभ पात्रता तिथि से शीघ्र देने की मांग की है । रुक्टा (राष्ट्रीय) के महामन्त्री डॉ सुशील कुमार बिस्सू ने बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर में 25 फरवरी 2021 को राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के वरिष्ठ / चयनित वेतनमान एवं पे बैण्ड – 4 का लाभ देने के लिए संपन्न हुयी बैठक में 1 फरवरी 2018 तक पात्र 259 शिक्षकों को नियमानुसार सी.ए.एस. का लाभ देने हेतु अनुशंसषा के आठ माह बीत चुके हैं, लेकिन राज्य सरकार ने कैरियर एडवांसमेंट योजना का लाभ देने के आदेश अभी तक प्रसारित नहीं किए हैं, जिससे शिक्षकों में गहरा असंतोष एवं आक्रोश है। डॉ बिस्सू ने बताया कि समय बद्ध पदोन्नतियों से सम्बन्धित लाभ पाना राज सेवकों का वैधानिक अधिकार है,सरकार ने भी अपने जन-घोषणा-पत्र में यह स्पष्ट वायदा किया था कि राज्य कर्मचारियों की सभी पदोन्नतियाँ समयबद्ध कार्यक्रम के तहत की जायेंगीं। इस विषय में यू.जी.सी. के भी स्पष्ट प्रावधान हैं और संगठन द्वारा इस विषय में अनेक बार आग्रह के बाबजूद इतने लम्बे समय तक अकारण ही शिक्षकों को उनके न्यायोचित अधिकारों से वंचित रखा गया है। इससे शिक्षकों के आर्थिक हित दुष्प्रभावित होने से कार्यक्षमता का प्रभावित होना तो स्वाभाविक ही है, साथ ही इस तरह राजसेवकों को उनके अधिकारों से वंचित करना तय प्रावधानों और नैसर्गिक न्याय की भावना के प्रतिकूल है।

संघठन के अध्यक्ष डॉ दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत सभी लाभ पात्रता-तिथि से तथा समय पर देने के स्पष्ट प्रावधान न केवल यूजीसी के रेगुलेशन में पहले से हैं, अपितु राज्य में आज तक यह लाभ पात्रता-तिथि से ही दिए जाते रहे हैं; तथापि राज्य सरकार द्वारा इस विषय में दिशा-निर्देश माँगे जाने पर यूजीसी से पुन: इस विषय में यह स्पष्टीकरण 21 जून, 2021 को प्राप्त हो गया है कि सी.ए.एस के सभी लाभ पात्रता-तिथि से ही देय हैं। ऐसी स्थिति में इस विषय को इतनी दीर्घावधि तक लम्बित रख कर सरकार महाविद्यालयीय शिक्षकों के अधिकारों का स्पष्ट हनन कर रही है, जो उचित और स्वीकार्य नहीं है। अत: संगठन मांग करता है कि कैरियर एडवांसमेण्ट योजना के तहत 25 फरवरी 2021 की स्क्रीनिंग समिति की बैठक में स्वीकृत 259 शिक्षकों को वरिष्ठ/चयनित वेतनमान एवं पे बैण्ड-4 का लाभ उनकी पात्रता-तिथि से ही देने सम्बन्धी आदेश अविलम्ब प्रसारित कराये जायें।

यूजीसी अध्यक्ष प्रोफेसर डी पी सिंह से मिला अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का प्रतिनिधिमंडल

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने आज विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर डी पी सिंह से विस्तृत भेंटवार्ता करके यूजीसी के स्तर पर लंबित विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग की ।

इस संबंध में जानकारी देते हुए महासंघ के अध्यक्ष प्रोफेसर जे पी सिंघल ने बताया कि देशभर के शिक्षकों की सेवा शर्तों, नियुक्तियों और शोध कार्य से संबंधित कई समस्याओं के समाधान हेतु महासंघ की तरफ से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के समक्ष विस्तार से पक्ष रखा गया ।

इन समस्याओं में प्रमुख रूप से सेवारत शिक्षकों को कोर्स वर्क से मुक्त करने अथवा अन्य व्यवस्था करने, रिफ्रेशर एवं ओरियंटेशन कोर्स छूट की अवधि को 31 दिसंबर 2022 तक बढ़ाने, यूजीसी रेगुलेशन 2018 को पूरे देश में एक समान लागू करने, सेवारत शिक्षकों को पीएचडी पात्रता परीक्षा से छूट देने, यूजीसी रेगुलेशन की विसंगति निवारण समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए विसंगतियों को दूर करने, एमफिल पीएचडी हेतु प्रोत्साहन वेतन वृद्धियों को पूरे देश में एक समान रूप से लागू करने, प्राचार्य पद का कार्यकाल सेवानिवृत्ति तक करने, यूजीसी केयर लिस्ट में शोध जर्नल्स को शामिल करने की प्रक्रिया को अद्यतन एवं पारदर्शी बनाने, उच्च शिक्षा संस्थानों में रिक्त पदों पर भर्ती करने, पुस्तकालयाध्यक्ष शारीरिक शिक्षक सहित अन्य अकादमिक स्टॉफ की सेवा शर्तें शिक्षकों के समान करने, कैरियर उन्नति योजना के लिए यूजीसी रेगुलेशन 2010 लागू होने की सीमा न्यूनतम 2 वर्ष और बढ़ाने, असिस्टेंट प्रोफेसर एवं एसोसिएट प्रोफेसर पद पर पीएचडी की अनिवार्यता समाप्त करने आदि विषय शामिल थे ।

यूजीसी अध्यक्ष प्रोफेसर डी पी सिंह ने एक-एक करके सभी विषयों को गंभीरता से सुना और समझा तथा विभिन्न समस्याओं पर महासंघ के मत से अपनी सहमति जताई। प्रोफेसर सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि इनमें से कुछ विषयों पर महासंघ द्वारा पूर्व में प्रेषित प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही चल रही है । संगठन द्वारा संज्ञान में लाए गए अन्य विषयों पर उन्होंने यूजीसी द्वारा शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही का विश्वास दिलाया । उन्होंने बताया कि महासंघ द्वारा बताए गए कुछ बिंदुओं पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप शिक्षक हित में सकारात्मक नोट बनाकर सरकार को भेजा जाएगा तथा जिन विषयों को यूजीसी के स्तर पर समाधान होना है उनके लिए जल्दी ही निर्देश जारी किए जाएंगे।

प्रतिनिधिमंडल ने ब्लेंडेड मोड ऑफ लर्निंग और अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट से संबंधित विभिन्न चिंताओं को भी यूजीसी अध्यक्ष को अवगत कराया । प्रोफेसर सिंह ने बताया कि अभी यह मुद्दे  प्रारंभिक अवस्था में हैं तथा महासंघ द्वारा बताई गई जमीनी वास्तविकताओं के अनुसार ही इन पर काम होगा ।  प्रोफेसर डी पी सिंह को महासंघ द्वारा प्रकाशित विभिन्न पुस्तकों का एक सेट भी भेंट किया गया । प्रतिनिधिमंडल में महासंघ के अध्यक्ष प्रोफेसर जे पी सिंहल, संगठन मंत्री महेंद्र कपूर, सह संगठन मंत्री जी. लक्ष्मण, अतिरिक्त महामंत्री डॉ नारायण लाल गुप्ता, सचिव उच्च शिक्षा संवर्ग डॉ गीता भट्ट शामिल थे ।


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