Thar post न्यूज, नई दिल्ली। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार ब्रिटिश समय के अनुसार 19 सितंबर सोमवार को 11 बजे होगा। भारत में इसे सोमवार को 3.30 बजे शाम को देखा जा सकता है। अंतिम संस्कार का आयोजन ब्रिटेन के ऐतिहासिक चर्च लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में किया जाएगा। यह वही जगह है, जहां ब्रिटेन के राजाओं और रानियों को ताज पहनाया जाता है। शाही समारोह का यह कार्यक्रम करीब दो घंटे तक चलेगा। इस दौरान पारंपरिक रुप से बिगुल बजाकर महारानी को अंतिम विदाई दी जाएगी। महारानी के अंतिम संस्कार के दौरान समूचे ब्रिटेन में दो मिनट का राष्ट्रीय मौन रहेगा। बता दें कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन 8 सितंबर हो 96 वर्ष की आयु में हो गया था। एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन पर सबसे लंबे समय तक राज करने वाली शाही हस्ती रहीं। उन्होंने 70 साल तक ब्रिटेन पर शासन किया। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का सोमवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। जिसमें शामिल होने के लिए दुनिया भर से राष्ट्राध्यक्ष और शाही परिवार के लोग लंदन पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही लाखों की तादाद में आम नागरिक भी महारानी के अंतिम दर्शनों के लिए सड़कों पर भीड़ लगाए हुए हैं। जिसकी वजह से यहां सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। मेयर सादिक खान का कहना है कि दिवंगत महारानी के अंतिम संस्कार के दौरान सुरक्षा चुनौती देखने को मिल रही है। क्योंकि हजारों की तादाद में लोग सेंट्रल लंदन में एकत्रित हुए हैं। साथ ही दुनिया भर से शाही परिवार के सदस्यों के अलावा विभिन्न देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य बड़े नेता मेहमान के तौर पर पहुंच रहे हैं। ऐसे लोगों की संख्या 500 के करीब है। सोमवार को 10,000 से अधिक पुलिस अधिकारी ड्यूटी पर होंगे, जबकि सैकड़ों स्वयंसेवी मार्शल और सशस्त्र बल के जवान भी महारानी के अंतिम संस्कार के मार्ग पर तैनात रहेंगे। लंदन के परिवहन प्राधिकरण का कहना है कि वह महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार की तैयारी के लिए तैयार है, जिसमें दस लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। रेल नेटवर्क के प्रमुख पीटर हेंडी ने कहा कि देश भर में लगभग 250 अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। क्वीन एलिजाबेथ 2 जून 1953 को ब्रिटेन की महारानी के पद पर आसीन हुईं थीं। जब एलिजाबेथ क्वीन बनीं तब दुनिया ही नहीं ब्रिटेन में भी राजशाही पर सवाल उठ रहे थे। लेकिन महारानी एलिजाबेथ ने तमाम विरोध के बावजूद शाही परिवार के रुतबे और असर को बरकरार रखा। दरअसल, क्वीन एलिजाबेथ के करीब 70 साल के कार्यकाल के दौरान ब्रिटेन ही नहीं बल्कि समूची दुनिया में भारी बदलाव हुए। इस दौरान ब्रिटेन ने सिर्फ आर्थिक चुनौतियों का ही नहीं बल्कि राजनीतिक संकटों का भी सामना किया। उतार.चढ़ाव के दौर में ब्रिटेन की महारानी अपने देश की जनता के लिए भरोसे का प्रतीक बनीं रहीं।