Thar पोस्ट, न्यूज। एक छोटा सा देश अब विश्व के सबसे अमीर देशों में शामिल है। फुटबाल विश्वकप की मेजबानी के लिए चर्चा में है। भारत की तरह कतर ने भी गुलामी झेली वो भी एक देश से नहीं दो देशों से। लेकिन यहां के हुक्मरानों की जीवटता ने विश्व मे इस देश की तस्वीर ही बदल दी। पहले ये देश तुर्की का गुलाम रहा और फिर इसके बाद ब्रिटेन का। यानी गुलाम देशों में सबसे अग्रिम देश ! इसके बाद 1971 में ये देश ब्रिटेन से आजाद हो गया। लेकिन तब इसकी स्थिति ठीक नहीं थी. यहां गरीबी भुखमरी थी। फिर इस देश की देखभाल करने वाले शासकों ने यहां के आर्थिक हालात को सुधारने का बीड़ा उठाया और इसमें सफल भी रहे. आज नतीजा ये है कि यहां का हर तीसरा आदमी करोड़पति है और उसकी सालाना आय औसतन 94 लाख रुपये है. प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी ये देश काफी आगे हैं. पूरी दुनिया में ये देश पांचवें नंबर पर आता है।अगर इस देश में रहने वाले लोगों को देखा जाए तो कतर के मूल निवासियों की तादाद कम है. इस देश की जनसंख्या 28 लाख है और इसमें से सिर्फ 12 प्रतिशत लोग ही कतर के मूल निवासी हैं.आजादी के समय ये देश ज्यादा संपन्न नहीं था. यहां तह मोतिया यानी मूंगा का काम बहुत होता था. फिर तेल और गैस के भंडार इस देश से मिले और इस देश की किस्मत बदल गई। शासकों के बेहतर मैनजमेंट, उसूल व समर्पण से तस्वीर बदली। 1950 के आसपास इस देश में तेल और गैस के भंडार के बारे में पता चला। कतर ने इन दोनों पदार्थों के बेचा और अपनी झोली में पैसों की बरसात कर ली। आज आलम ये है कि ये देश अमेरिका, ब्रिटेन जैसे अमीर देशों की सूची में शामिल है. यहां मछली पकड़ने का भी बिजनेस काफी जोर-शोर से चलता देश नैचुरल गैस की सप्लाई के मामले में बड़ा नाम हैं और ये इस पदार्थ का दुनिया का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है. इससे कतर काफी कमाई करता है. उन देशों में से है जहां के नागरिकों को टैक्स नहीं देना पड़ता. यहां के लोगों को बिजली, पानी मेडिकल जैसी बुनियादी सुविधाएं मुफ्त में मिलती हैं।