


Thar पोस्ट, न्यूज। राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद रेसा पदाधिकारियों ने शिक्षा निदेशालय के सामने धरना स्थल पर की प्रेस वार्ता कर सरकार को चेताया। इस दौरान प्रदेश कार्यकारिणी के सहसचिव बालकिशन ने पत्रकारों को बताया कि मांगों का निस्तारण अगर 20 जनवरी तक नहीं होता है तो भूख हड़ताल जैसा कदम उठाया जाएगा। उन्होंने ने कहा कि प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति संबंधित नियमों और रेंगती प्रक्रिया से रुष्ट मेंबर्स का कहना है कि नियम-प्रावधानों को ठंडे बस्ते में डाले बैठे अधिकारियों और नेताओं को हमारी समस्याओं से कोई मतलब ही नहीं है। तीन महीने में हमारे ज्ञापनों व पत्रों पर कोई तवज्जो नहीं दी गई। न ही कोई लिखित उत्तर हमें मिला है। हमें बस जुबानी जमा-खर्च में आश्वासन दिया जाता रहा है। इससे रोष से भरे धरने में भागीदारी निभाने राजस्थान के दूर दराज के जिलों से बड़ी संख्या में रेसा सदस्य शामिल हुए हैं। प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति 1 अप्रैल 2022 से लंबित चल रही है एवं सरकार द्वारा वर्ष में दो बार डीपीसी का प्रावधान किया गया है जबकि अभी तक एकबार भी डीपीसी सम्पन्न नहीं करवाई गई है। राजस्थान में कार्यरत उपप्राचार्य से 2022-23 से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति की जानी है और आज दिनांक तक प्रधानाचार्य के 6581 पद रिक्त है। इससे हजारों विद्यालय नेतृत्व विहीन होने से शिक्षण कार्य बाधित हो रहा हैं इस हेतु संगठन के मार्फत अनेक बार निदेशक को ज्ञापन दिया गया एवं उनसे प्राचार्य डीपीसी शीघ्र करने हेतु आग्रह किया गया लेकिन अभी तक आरपीएसी को डीपीसी हेतु पत्र नहीं लिखा गया हैं जिससे मजबूरन संगठन को अपनी जायज माँगे पूरा करने के लिए अनिश्चितकालीन धरना शुरू करना पड़ा जब तक निदेशालय द्वारा आरपीएससी को प्राचार्य डीपीसी हेतु अभिशंसा भिजवाकर डीपीसी प्रक्रिया पूर्ण नहीं कर दी जाती तब तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेंगा एवं यदि 20 जनवरी से पूर्व यह प्रक्रिया पूर्ण नहीं कि गयी तो 21 से अनशन प्रारम्भ कर दिया जायेंगा तथा फिर भी निदेशक द्वारा प्राचार्य डीपीसी नही की जाती तो आंदोलन को तेज करके विधानसभा का घेराव किया जाएगा। उन्होंने एक संगठन पर शिक्षा निदेशालय पर दबाव बनाकर प्रक्रिया को बाधक बनाने का आरोप भी लगाया।







