Thar पोस्ट, न्यूज। पड़ौसी देश श्रीलंका के हालात दयनीय हो चुके है। यह देश इतिहास के सबसे बुरे आर्थिक दौर से रेंग रहा है। यहां लोगों को ईंधन, रसोई गैस के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है, जरूरी चीजों की आपूर्ति कम है लोग लंबे समय तक बिजली कटौती के कारण हफ्तों से परेशान हैं। भारत मे हाल ही में हुई बैठक मे ऐसे हालातों पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शासन में समग्र सुधार के लिए नए विचारों का सुझाव देने के लिए सचिवों के 6 क्षेत्रीय समूहों का गठन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में, कुछ अधिकारियों ने कई राज्यों की तरफ से घोषित लोकलुभावन योजनाओं पर चिंता जताई और दावा किया कि वे आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं हैं और वे उन्हें श्रीलंका के रास्ते पर ले जा सकती हैं ।पीएम मोदी ने 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर सभी विभागों के सचिवों के साथ चार घंटे की लंबी बैठक की। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के अलावा केंद्र सरकार के अन्य शीर्ष अधिकारी भी शामिल हुए। पीएम मोदी ने अधिकारियों से साफ तौर पर कहा कि वे कमियों के प्रबंधन की मानसिकता से बाहर निकलकर अतिरिक्त के प्रबंधन की नई चुनौती का सामना करें। पीएम मोदी ने प्रमुख विकास परियोजनाओं को नहीं लेने के बहाने के तौर पर ‘गरीबी’ का हवाला देने की पुरानी कहानी को छोड़ने और उनसे एक बड़ा दृष्टिकोण अपनाने के लिए कहा। 2014 के बाद से प्रधानमंत्री की सचिवों के साथ ये नौवीं बैठक थी. सूत्रों ने कहा कि दो सचिवों ने हाल के विधान सभा चुनावों में एक राज्य में घोषित एक लोकलुभावन योजना का उल्लेख किया जो आर्थिक रूप से खराब स्थिति में है. उन्होंने साथ ही अन्य राज्यों में इसी तरह की योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि वे आर्थिक रूप से टिकाऊ नहीं हैं और राज्यों को श्रीलंका के रास्ते पर ले जा सकती हैं।