Thar पोस्ट न्यूज बीकानेर। अर्जुन अवार्डी व बीकानेर राजपरिवार की प्रमुख सदस्य राज्यश्री कुमारी ने आज होटल लक्ष्मीनिवास में प्रेस वार्ता में कहा कि फैसला उनके पक्ष में आया है। अब हम पूर्व की भांति ट्रस्टों की ओर संचालित विभिन्न जनहित की गतिविधियां करते रहेंगे साथ ही चैरिटी वर्क भी पूर्व की भांति करते रहेंगे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सिद्धि कुमारी उनकी भतीजी है। वह केवल भ्रमित हो रही है। संजय शर्मा नामक उसके पावर ऑफ एटर्नी उन्हें भ्रमित कर रहे हैं। इस दौरान एडवोकेट कमल नारायण पुरोहित एक सवाल केे जवाब में कहा कि सिद्धि कुमारी ने पूर्व में न्यायालय के एक आदेश की अवमानना की थी। न्यायालय ने कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। शीतकालीन अवकाश के बाद जल्द ही उस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एडवोकेट सुरेन्द्र पुरोहित ने बताया कि आयुक्त देवस्थान विभाग उदयपुर के नए आदेश के बाद अब राज्यश्री कुमारी की ट्रस्टों में वापिस पुरानी भूमिका में रहेगी। वे ट्रस्ट के अधीन संचालित मंदिरों सहित अन्य संपतियों की देखरेख आदि पूर्णरूप से स्वतंत्र होकर कर सकेगी। इसमें अब किसी तरह की बाधा नहीं है।
वार्ता में हनुवंत सिंह दाऊदसर ने बताया कि सहायक आयुक्त देवस्थान, बीकानेर ने 27.05.2024 को बीकानेर राजपरिवार द्वारा स्थापित ट्रस्टों में प्रिसेंस राज्यश्री कुमारी, प्रिंसेस मधुलिका कुमारी जी, ठा. हनुवंतसिंहजी सहित अन्य ट्रस्टीगण को हटाकर उनकी जगह नए ट्रस्टी नियुक्ति करने का एक विधि विरुद्ध आदेश जारी किया था। उक्त आदेश के खिलाफ आयुक्त देवस्थान विभाग, उदयपुर के समक्ष ट्रस्टों के वर्किंग ट्रस्टी ठा. हनुवंतसिंहजी द्वारा एक अपील दायर की गई जिसे श्रीमान् आयुक्त ने 30 दिसम्बर 2024 को आदेश जारी कर सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग, बीकानेर के आदेश दिनांक 27.05.2024 को निरस्त कर दिया फलतः इन ट्रस्टों में 27.05.2024 से पूर्व की स्थति बहाल होकर सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग में पूर्व में दर्ज प्रविष्ठियां बाबत् ट्रस्टीयान प्रभावशील हो गई।
सहायक आयुक्त ने अपने आदेश में निम्न आधारों पर पुराने ट्रस्टीगण को हटाकर नए ट्रस्टी लिए थेः
- सिद्धि कुमारी को परिवार की वरिष्ठ सदस्या माना
- वर्किंग ट्रस्टी ठा. हनुवंतसिंह जी की हस्ताक्षर को फर्जी माना
- राजमाता साहब की वसीयत से पुराने ट्रस्टी को हटाना व नए ट्रस्टी लेना
गोविंद सिंह ने बताया कि आयुक्त देवस्थान विभाग, उदयपुर ने उपरोक्त समस्त आधारों, उपलब्ध दस्तावेंजों तथा दोनो पक्षों की बहस सुनने व हाई कोर्ट, जोधपुर की शख्त टिप्पणी को ध्यान में रखते हुए सहायक आयुक्त देवस्थान, बीकानेर के निर्णिय दिनांक 27.05.2024 को विधिसम्मत नही मानते हुए निरस्त कर निम्न निष्कर्ष निकाला किः
- प्रिंसेस राज्यश्री कुमारी बीकानेर राजपरिवार की वरिष्ठ सदस्या हैं।
- ठा. हनुवंतसिंह जी के हस्ताक्षरों को बिना साक्ष्य के गलत नही माना जा सकता।
- ट्रस्टों का संचालन ट्रस्ट डीड से होता हैं ना कि वसीयत से अतः राजमाता सुशीला कुमारी जी की वसीयत उनकी व्यक्तिगत सम्पतियों की हद तक हो सकती हैं ट्रस्टों के संचालन में वसीयत का कोई लेना देना नही।
इस दौरान अरविंद सिंह, भगवान सिंह, नरेंद्र सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।