Tp न्यूज। हिंदी सिनेमा जगत में प्रेम चोपड़ा ने अपनी अदायगी से एक विशेष मुकाम हासिल किया है। उनकी कुटिल मुस्कान और संवाद अदायगी आज भी लोगों में सिहरन पैदा करते हैं। बीकानेर में प्रेम चोपड़ा का अनेक बार आना हुआ। मैंने प्रेम चोपड़ा को पहली बार बीकानेर में तब देखा जब मैं स्कूल में पढ़ा करता था। जूनागढ़ किले में फिल्म क्षत्रिय की शूटिंग के दौरान उन्होंने राजस्थानी साफा पहन रखा था। यहाँ फिल्म का एक दृश्य फिल्माया जा रहा था। इस शूटिंग में सुनील दत्त, धर्मेंद्र आदि कलाकार थे। प्रेम चोपड़ा दर्शकों के पास अपना डायलाग बोल रहे थे-मीठा बोल बड़ा अनमोल। दर्शकों की और देख अभिवादन कर रहे थे। एक दशक बाद बीकानेर के लालगढ़ पैलेस में प्रेम चोपड़ा धुंध द फोग की शूटिंग के लिए आये हुए थे। बतौर पत्रकार मैंने उनसे बात की। निजी जीवन में भी प्रेमजी एक शब्द का इस्तेमाल अपने अंदाज में करते है। -बरखुरदार । उनसे मैंने अनेक मुद्दों पर बात की। मैंने उनसे बॉबी फिल्म के एक डायलाग सुनाने की फरमाइश की। वे बोले-बरखुरदार यह अब बीते जमाने की बात हो गई। इंटरव्यू समाप्ति के बाद मैं जाने लगा तो प्रेमजी ने विशेष अंदाज़ में कहा बरखुदार अपने आलेख में यह बात जरूर लिखना-प्रेम नाम है मेरा…प्रेम चोपड़ा…मैं आश्चर्य सोच में पड़ गया। मेरे जन्म लेने के बाद बॉबी फिल्म आई थी। यह डायलॉग आज भी जीवंत है ? रास्ते में यही सोचता रहा कि क्या यही वह शख्स है जिसने खलनायकी के नए आयाम रच डाले।