Thar पोस्ट जयपुर। पलटते मौसम के साथ ही राजस्थान में राजनीति गरमाने लगी है। बदलते समीकरणों ओर राजनीति के गलियारों से निकल रही खबरों के मुताबिक तीन बड़े मंत्रियों के पॉवर फिर से बढ़ सकते है। कांग्रेस में व्यापक स्तर पर मंथन हुआ है। राजस्थान के सियासी हालात को लेकर विस्तार से चर्चा हुई है। किस तरह से 2023 में कांग्रेस अपनी सरकार को दोहराए, इसके लिए रोडमैप तैयार किया गया। यह माना जा रहा है कि राजस्थान सरकार में मंत्रिमंडल पुनर्गठन जल्द होगा। तीन मंत्रियों को हटाना तय है, वहीं करीब 8 से 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इनमें भी आधा दर्जन से अधिक नए चेहरों को मौका मिलेगा। वहीं सचिन पायलट खेमे के हटाए गए मंत्रियों को फिर से शामिल करने पर सहमति बन गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 25 दिन में दूसरी बार मंगलवार रात को दिल्ली पहुंचे। वहीं बुधवार शाम को 12 तुगलक लेन रोड स्थित राहुल गांधी के आवास पर गहलोत की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल और राजस्थान के प्रभारी महासचिव अजय माकन के बीच करीब 3 घंटे बैठक चली। राहुल गांधी मौजूद नहीं थे। बैठक के दौरान मंत्रिमंडल पुनर्गठन का रोडमैप तैयार किया गया। सूत्रों के अनुसार एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत संगठन में जिम्मेदारी मिलने के कारण चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को मंत्री पद से हटाने की सहमति बन गई है। पुनर्गठन से मंत्री के 8 से 12 पद भरे जा सकते हैं। इनमें सियासी संग्राम के दौरान मंत्री पद से बर्खास्त किए रमेश मीणा व विश्वेन्द्र सिंह की बहाली भी हो सकती है।गहलोत और पायलट के बीच संतुलन बनाने के हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। दोनों तरफ से दबाव बना हुआ है। जहां सियासी संकट के दौरान राजस्थान सरकार का साथ देने वाले विधायकों के पक्ष में गहलोत डटे हुए हैं, वहीं पायलट से किए वादों को पूरा करने का भी दबाव बना हुआ है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि 99.99 फीसदी मुद्दों को सुलझा लिया गया है। मंत्रिमंडल पुनर्गठन के रोडमैप को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रभारी महासचिव अजय माकन की गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से चर्चा हो सकती है। इसके बाद मंत्रिमंडल पुनर्गठन और राजनीतिक नियुक्तियों पर अंतिम मुहर लग सकती है।