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IMG 20250527 WA00551 पर्यावरण का संरक्षण वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता-डॉ जोनाथन Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट
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Thar पोस्ट न्यूज बीकानेर। विज्ञान विभाग महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आज सम्मेलन का अंतिम दिन था। आज के मुख्य वक्ता डॉ जोनाथन हॉल प्रोफेसर ईस्ट मिशिगन विश्वविद्यालय, यूएसए, थे उन्होंने बताया कि पर्यावरण का संरक्षण करते हुए विकास किया जाना आज के समय की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। बिना पर्यावरण के संरक्षण के विकास का कोई भी मुकाम हासिल करना नुकसान का सौदा साबित होगा। इसके अलावा डॉ एच.एस छरंग प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय, नागौर, डॉ. अमिता कनौजिया प्राणी शास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, डॉ रश्मि शर्मा, अधिष्ठाता अर्थ साइंस, वनस्थली विद्यापीठ, टोंक डॉ दिवाकर व्यास फ्लोरिडा विश्वविद्यालय, यूएसए , प्रेम अधीश लेखी, मलेशिया, मार्जोन, एनीसलग फिलीपींस, डॉ. सुमित डूकिया गुरु गोबिंद सिंह विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने इस सत्र में पर्यावरण संरक्षण और प्रबंधन के विभिन्न आयामों और विषयों पर अपने-अपने व्याख्यान दिए।

विभिन्न व्याख्यानों की अध्यक्षता डॉ लीला कौर, डॉ. सीमा शर्मा, डॉ. प्रगति सोबती, डॉ. संतोष शेखावत, श्री उमेश शर्मा, डॉ. यशवंत गहलोत आदि संकाय सदस्यों ने की। ज्ञातव रहे कि इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में कुल 2000 पंजीकरण हुए हैं, जिसमें 20 से ज्यादा देशों ने भाग लिया है। 1000 सारांश ईपुस्तक में प्रकाशित हुए हैं।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. जगदीश राणे, निदेशक, आईसीएआर- केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर ने कहा कि सतत विकास के बिना मनुष्य आगे नहीं बढ़ सकता है, हमें देश के विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए ही वहां के कृषि उद्यान इत्यादि की गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहिए।साथ ही हमें कृषि में कीटनाशकों के प्रयोग को सीमित करना चाहिए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के रजिस्टर अरविंद बिश्नोई ने बताया कि आज के समय में पेड़ों को बचाना नितांत आवश्यक है, तथा उन्होंने प्रचलित संदेश” सर साठे रुख रहे तो भी सस्तो जान ” जिसका अर्थ है कि अगर सर कटा के भी किसी पेड़ को बचाया जाए तो बहुत ही सस्ता सौदा है, अर्थात एक पेड़ की कीमत मानव जीवन से अधिक है। इस अवसर पर खेजड़ी बचाओ अभियान के भगवान प्रजापत जी ने बताया कि जिस तरह से मानव शरीर में एक बाल को खींचकर तोड़ने पर पूरे शरीर को दर्द होता है इसी तरह से धरती के किसी भी भूभाग में पेड़ों की कटाई करने से पूरी धरती को पीड़ा होती है आज मानव समाज को यह समझना बहुत जरूरी है। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर ममता शर्मा आयोजन सचिव संगोष्ठी गवर्नमेंट र कॉलेज अलवर ने किया, तथा संगोष्ठी के समापन कार्यक्रम उपरांत धन्यवाद डॉ अनिल कुमार दुलार ने दिया। कार्यक्रम के दौरान अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रोफेसर अनिल कुमार छंगाणी, परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर राजाराम चोयल, एडिशनल कुलसचिव डॉ. बिट्ठल बिस्सा, डॉ. प्रकाश सारण, इत्यादि उपस्थित थे।


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