Thar पोस्ट न्यूज। देश मे 21 साल से मोबाइल नंबर सीरीज में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन अब TRAI ने एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है, जो नेशनल नंबरिंग प्लान के लिए है। कंसल्टेशन पेपर में भारत में बढ़ रहे मोबाइल सब्सक्राइबर्स की संख्यां को देखते हुए नेशनल नंबरिंग प्लान को रिवाइज करने की बात कही गई है। इससे पहले 2003 में नेशनल नंबरिंग प्लान आखिरी बार अपडेट किया गया था। पिछले 21 साल से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया था। बढ़ रहे सब्सक्राइबर्स और 5G नेटवर्क के एक्सपेंशन को देखते हुए नियामक ने इसमें बदलाव करने का फैसला किया है।
ऐसे होय है प्रबंधन : देश मे राष्ट्रीय नंबरिंग योजना कुशल संचार और नेटवर्क प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए दूरसंचार पहचानकर्ताओं (टीआई) के आवंटन और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दूरसंचार विभाग (DoT) फिक्स्ड और मोबाइल नेटवर्क दोनों के लिए दूरसंचार पहचानकर्ताओं का प्रबंधन करता है।
2003 में नेशनल नंबरिंग प्लान को 750 मिलियन टेलीफोन कनेक्शन को अलोकेट करने के लिए डिजाइन किया गया था। मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन के मुताबिक, 21 साल बाद नंबरिंग रिसोर्स रिस्क पर है। भारत में इस समय 1,199.28 मिलियन टेलीफोन सब्सक्राइबर्स हैं और 31 मार्च 2024 तक भारत की टेलीडेंसिटी 85.69 प्रतिशत तक पहुंच गई है। ऐसे में मौजूदा नंबर अलोकेशन सिस्टम को पूरी तरह से यूटिलाइज करने में दिक्कत आ रही है।
जानकारी के अनुसार दूरसंचार विभाग नए नंबरिंग प्लान के तहत और ज्यादा मोबाइल नंबर अलोकेट कर पाएंगे और यूजर्स को नंबर जारी करने में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। इस समय दूरसंचार विभाग टेलीकॉम कंपनियों को रिसाइकिल किए हुए नंबर जारी करने के लिए कह रही है। ये वो मोबाइल नंबर होते हैं, जिसे पहले कोई यूज कर रहा होता है, लेकिन 90 दिनों से ज्यादा दिनों तक सिम बंद किए जाने के बाद उस नंबर को टेलीकॉम कंपनियां किसी नए यूजर को अलोकेट कर रही है। नए नंबरिंग प्लान के आने के बाद टेलीकॉम कंपनियों को नया नंबर जारी करने के लिए नई सीरीज मिल सकती है।