


Thar पोस्ट न्यूज। इस बार मानसून या जमाना अच्छा होगा। भीषण गर्मी में पक्षियों द्वारा कुछ ऐसे ही संकेत दिए जा रहे हैं।रेगिस्तान में वर्षा और मौसम से जुड़े पूर्वानुमान सदियों से लगाए जा रहे है जो की आसपास के पेड़ पौधों, पशु पक्षियों व वन्य जीवन के आचरण के आधार पर तय किए जाते है। इन दिनों प्रकृति में अच्छी वर्षा के संकेत दिए हैं। ये पूर्वानुमान विभिन्न पेड़ पौधों की फिनोलॉजी पेड़ पौधों पर आने वाले फूलो , फलों , फलों के पकने की अवधि व पशु पक्षियों के प्रजनन, ब्रीडिंग सक्सेस की गतिविधियों के आधार पर तय किये जा रहे है।





ये है बड़े संकेत
पक्षियों की बात करें तो इन दिनों गोरिया ने इस बार तीन से चार अंडे दिए टिटहरी ने भी लगभग सभी जगह चार-चार अंडे दिए और सभी की ब्रीडिंग सक्सेस 80 से 90% रही है। जो इस बात का संकेत है कि इस बार मानसून अच्छा रहेगा। ग्रामीण अंचल व पुराने बुजुर्गों की मान्यता है कि चार अंडे तो चार माह बारिश होती है। तीन अंडे तो तीन माह तक बारिश होगी। मिट्टी में पक्षियों का नहाना भी अच्छा संकेत है। राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों से जुलाई अगस्त व सितंबर के माह बारिश के माने जाते है हालांकि दो दशक पहले जून जुलाई व अगस्त तक बारिश होती थी।
पेड़ पर खिले फूल: शुभ संकेत
वर्ष केर में पहली बार अच्छे फूलों का आना और तत्पश्चात सभी का केर में तब्दील होना, इसी तरह खेजड़ी में भी अच्छे मिंजर आना फूल आना तथा उनका सांगरी में तब्दील होना और पक्की हुई संगरियों का खोखा में तब्दील होना इस बात का संकेत है कि इस वर्ष अच्छी बारिश होगी।
इसी तरह से थार मरुस्थल में अगर स्तनधारी जीवों की अगर बात करें तो चिंकारा ब्लैक बक नीलगाय वह लंगूरों का प्रजनन सामान्य देखा गया है।
इस बारे में इनका कहना है
प्रोफेसर अनिल कुमार छंगाणी, विभागाध्यक्ष, पर्यावरण विज्ञान विभाग , महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर ने बताया कि विभाग द्वारा पिछले कई वर्षों से इन परंपरागत मौसम पूर्वानुमानों का साथ-साथ वैज्ञानिक ढंग से भी अध्ययन किया जा रहा है। और लगभग हर बार इन पूर्वानुमानों का सटीक प्रभाव सामने आया है।




