





Thar पोस्ट। अजमेर के रेलवे स्टेशन के सामने स्थित 113 साल पुराने केईएम का नाम बदल दिया गया है। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अजमेर को गुलामी के एक और प्रतीक नाम से मुक्ति दिलाई है। शहर में 113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम बदलकर अब महर्षि दयानन्द विश्रान्ति गृह कर दिया गया है। सहकारिता विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किए। विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने पिछले दिनों महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयन्ती पर अजमेर में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में इसकी घोषणा की थी। केईएम को अब नये नाम से जाना जाएगा।



इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के निर्देश पर पिछले दिनों 113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। मंगलवार को सहकारिता विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए। इस आदेश में कहा गया है कि किंग एडवर्ड सप्तम मेमोरियल (रेस्ट हाऊस) सोसायटी का रजिस्ट्रेशन राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1958 के तहत 16 सितम्बर 1975 को किया गया था। अब इस संस्थान का नाम परिवर्तित कर महर्षि दयानन्द विश्रान्ति गृह संस्थान अजमेर कर दिया गया है। सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार राजीव कजोत ने यह आदेश जारी किए हैं।
किंग एडवर्ड मेमोरियल को अजमेर में दशकों से गुलामी के प्रतीक नाम के रूप में माना जाता रहा है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अजमेर को इन गुलामी के नामों के प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की कड़ी में सहकारिता विभाग को निर्देश दिए थे। उन्होंने अजमेर के ऋषि उद्यान में पिछले दिनों आयोजित महर्षि दयानन्द सरस्वती के 200वें जयन्ती समारोह में कईएम का नाम बदलकर राष्ट्रीय संत महर्षि दयानन्द सरस्वती के नाम पर करने की घोषणा की थी।
उनके निर्देशों की कडी में सहकारिता विभाग ने आज यह आदेश जारी किया। अजमेर के विभिन्न संगठनों, प्रबुद्धजनों और सामाजिक संस्थाओं ने देवनानी से मुलाकात कर कईएम का नाम बदले जाने का आग्रह किया था।


