Thar पोस्ट, न्यूज। कोरोना की मार से दुनिया उबर नहीं पा रही है। वहीं मंकीपॉक्स ने अपना दायरा बढ़ा लिया है। मंकीपॉक्स वायरस की जद में नए देशों में इजराइल, स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रिय हैं। इसके साथ ही प्रकोप की रिपोर्ट करने वाले देशों की कुल संख्या 15 हो गई है। इजराइल और स्विटजरलैंड दोनों ने कहा कि उन्होंने एक संक्रमित व्यक्ति की पहचान की, जिसने हाल ही में विदेश यात्रा की थी। इजराइल अन्य संदिग्ध मामलों की जांच कर रहा है। भारत में भी इस नई और दुर्लभ बीमारी को लेकर सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। वहीं, इस बीमारी को लेकर विशेषज्ञ भी अपनी राय रख रहे है। मंकीपॉक्स लोगों के बीच आसानी से नहीं फैलता है और बीमारी आमतौर पर हल्की होती है। मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में यह वायरस सबसे आम है। यूरोप, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में हालिया प्रकोप में 80 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है। इस प्रकोप ने वैज्ञानिकों को आश्चर्यचकित कर दिया है, लेकिन बड़ी संख्या में जनता के लिए इसका जोखिम कम कहा जाता है। यूके की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के अनुसार, अधिकांश लोग जिन्हें यह वायरस हो रहा है, वे कुछ ही हफ्तों में ठीक भी हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कई अन्य संदिग्ध मामलों की जांच की जा रही है और चेतावनी दी कि अधिक संक्रमणों की पुष्टि होने की संभावना है। ब्रिटेन में पहली बार प्रकोप की पहचान होने के बाद पूरे यूरोप में वायरस का पता लगाया जाने लगा – स्पेन, पुर्तगाल, जर्मनी, बेल्जियम, फ्रांस, नीदरलैंड, इटली और स्वीडन में सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ सभी मामलों की पुष्टि हुई।
मंकीपॉक्स स्मॉलपॉक्स की तरह ही एक वायरल इन्फेक्शन है जो चूहों और खासकर बंदरों से इंसानों में फैल सकता है। अगर कोई जानवर इस वायरस से संक्रमित है और इंसान उसके संपर्क में आता है तो संभावना है कि उसे भी मंकीपॉक्स हो जाए। यह देखने में चेचक का बड़ा रूप लगता है, इसमें लगभग लक्षण भी वहीं हैं। जिन लोगों में ज्यादा संक्रमण होता है उन्हें निमोनिया के लक्षण भी दिख सकते हैं। यह बीमारी एक इंसान से दूसरे में फैल सकती है। संक्रमित व्यक्ति को छूने से उसकी छींक या खांसी के संपर्क में आने से, संक्रमित व्यक्ति के मल के संपर्क में आने से या फिर संक्रमित व्यक्ति की वस्तुओं को इस्तेमाल करने से ये बीमारी दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है।