कंपनियां जितना घी तैयार नही करती है, उससे कई गुना अधिक घी बाज़ार में उपलब्ध, मौत को न्योता दे रहा नकली घी।
Tp न्यूज़। बाजार में देसी घी धड़ले से बिक रहा है। यह घी रंग में मक्खन की तरह दिखता है, मक्खन से बनता है और महक में मक्खन की ही तरह होता है। अनेक कंपनियां जितना घी बनाती है और सप्लाई करती है उससे कई गुना अधिक घी बाजार में है। फिर यह घी कहाँ बन रहा है और इसमे क्या क्या मिलाया जा रहा है। इसकी व्यापक स्तर पर जांच हो। क्योंकि यह आम नागरिक के स्वास्थ्य से जुड़ा मसला है। शुद्ध घी को स्वस्थ्य वर्धक माना गया है लेकिन मिलावटी घी शरीर को ब्लॉक कर देता है। बीकानेर सहित अन्य शहरों के बाजारों में इतना घी उपलब्ध है जितना कंपनियां नहीं बनाती। घी को अंग्रेजी में क्लारिफाइड बटर कहते हैं। फैट का डायट्री सोर्स माने जाने वाला घी भारतीय व्यंजनों में खास है कई महिलाएं घर पर मलाई से घी बनाती हैं। कई बार लोग बाजार से भी घी खरीदकर इस्तेमाल करते हैं। मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन करने से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. अब आप घर पर ही घी की शुद्धता की पहचान कैसे करें
@ घी की शुद्धता का पता लगाने के लिए इसमें 4 से 5 बूंदे आयोडीन की मिलाएं। अगर घी का रंग नीला हो जाता है तो इसका मतलब है कि घी में मिलावट की गई है नीले घी का मतलब है कि इसमें आलू मिलाया गया है।
@ घी में मिलावट है या नहीं पता करने के लिए एक बर्तन में एक चम्मच घी डालें, इसमें 1 पिंच चीनी और थोड़ा सा हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालकर मिक्स करें. अगर इसमें मिलावट की गई है तो घी का रंग बदलकर लाल हो जाएगा। घी की शुद्धता चेक करने का सबसे सिंपल तरीका है कि थोड़ा सा घी दोनों हथेलियों में लेकर रब करें और स्मेल करें। अगर थोड़ी देर बाद घी में से खुशबू आनी बंद हो जाए तो इसका मतलब है कि घी शुद्ध नहीं है और इसमें मिलावट की गई है।
@ इसके अलावा आप घी की शुद्धता चेक करने के लिए हाइड्रोक्लोरिक एसिड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए एक स्पून घी में 5 मिली लीटर हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें. अगर घी का रंग सफ़ेद से बदलकर लाल हो जाता है तो समझ जाइए कि घी में डाई मिक्स की गई है.
बता दें कि, नकली देसी घी को तैयार करने के लिए कई बार ऐसे रसायन का प्रयोग किया जाता है, जिसका इस्तेमाल सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।