



Thar पोस्ट (जितेंद्र व्यास)। सिने दर्शकों ने इस धोरों की धरती बीकानेर पर कई खूबसूरत मंजर देखे हैं। सिनेमा बाइस्कोप थिएटर की दीवारें, रुपहले पर्दे पर एक्शन, ड्रामा, थिएटर में लोगों की रेलमपेल आज भी लोगों के जेहन में है। लेकिन बीकानेर में सिने प्रेमियों को एक अलग शाही अंदाज में फ़िल्म देखने का आनंद अवसर मिला सूरज टॉकीज में। यह वह फ़िल्म थिएटर था जिसने लोगो को वही अहसास कराया जो वे केवल किसी फ़िल्म के दृश्य में देखते आये थे। भव्य फिल्मी पर्दा, आसमान छूती दीवारों, छत्तों पर दमकते तेज झूमर बल्ब, घूमती हुई कालीननुमा सीढियां शाही रैलिंग व मार्बल का चमकता फर्श और भी बहुत कुछ। थिएटर के अंदर की दीवारों पर रोशन झरोखे के बीच फ़िल्म देखने का शाही अंदाज। भीषण गर्मी में शानदार ठंडक। फ़िल्म देखने वालों के लिए एक अलग ही अहसास था। मजे की बात यह थी कि बीकानेर में लोगो को पहलीबार पता चला कि सिनेमा घरों में रेस्ट्रिक्शन्स क्या होते है। थिएटर की साज सज्जा व सफाई के लिए अंदर कुछ भी ले जाना सख्त मना था। हाँ , हाल में कैंटीन में आप कुछ खा पी सकते थे। यानि कि व्यवस्था यूरोपीय देशों की तरह थी। इसके चलते यह विशेष या उस दौर के वीआईपी जिनमे चिकित्सक, इंजीनियर, व्यवसायी वर्ग आदि की पहली पसंद बन गया था। अब वीआईपी केटेगरी भारत मे भी खत्म सी हो रही है। अमेरिका व यूरोपीय देशों में तो यह कभी समाप्त हो चुकी। बहरहाल, बीकानेर में लोगो ने श्रीगंगा थिएटर, मिनर्वा, विश्वज्योति प्रकाश चित्र आदि में भी खूब फिल्में देखी, जहाँ फ़िल्म शुरू होने से पहले ही मूंगफली चटकने की आवाज आती थी बीड़ी सिगरेट का धुआं भी घुल जाता था। लेकिन सूरज में यह सब नही चलता था।




सूरज में अनेक ब्लॉक बस्टर फिल्में लगी जिनमे मैंने प्यार किया, दिल, शहंशाह, हम, दरियादिल, खून भरी मांग, खुदगर्ज, स्वर्ग, बाजीगर, दिल तो पागल है, हम आपके है कौन, टाइटैनिक से लेकर बाहुबली, ग़दर2 सहित अनेक हिट फिल्में लगी। आलम यह था कि घरों में चर्चा होती थी। फ़िल्म देखने परिवार के लोग तभी जाएंगे जब फ़िल्म सूरज में लगे। लेकिन पिछले एक दशक में फ़िल्म देखने का अंदाज बदला है। साउंड सिस्टम पर बेस्ड थिएटर का चलन शुरू हुआ। दर्शक भी अपने घरों में मोबाइल पर सीरीज देखना पसंद करने लगे है। इसका असर सूरज पर भी हुआ। बीकानेर के अन्य सिनेमाघरों का क्या हुआ। ये आपके सामने है। अन्य सिनेमाघरों की तरह सूरज बंद तो नहीं हुआ। लेकिन इसके दर्शकों की आवक जरूर कम हुई। लेकिन अब बताया जा रहा है कि वर्तमान में सूरज टॉकीज पर इसके मैनेजिंग डायरेक्टर रवि पारीक द्वारा एक स्पेशल भव्य प्रोजेक्ट पर काम करवाया रहा है। अगले अंक में सूरज व इसके कुछ और पहलुओं पर चर्चा। जितेंद्र व्यास। जारी …




