Thar पोस्ट न्यूज। महान स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रांतिकारी केसरी सिंह बारहठ जयंती पर दम्माणी धर्मशाला स्थित जे. एस. बी. चेरिटेबल लैब परिसर में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी के मुख्य अतिथि पूर्व प्रिंसिपल, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी थे।
अध्यक्षता साहित्यकार व कवि जुगल किशोर पुरोहित ने की। मुख्य वक्ता जेएसबी चेरिटेबल लैब के संस्थापक डॉ. जगदीश बारठ एवं विशिष्ट अतिथि पूर्व अधीक्षक रेडियोग्राफर पीबीएम हॉस्पिटल गोविंद सिंह चारण थे । गोष्ठी के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा केसरी सिंह बारहठ के तेलचित्र पर माल्यार्पण और श्रद्धा सुमन अर्पित किये गए।
गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी ने कहा कि केसरी सिंह बारहठ देश की स्वाधीनता के लिए प्राण न्यौछावर करने वालों के अग्रदूत थे। उनके द्वारा देश की आजादी आंदोलन के लिए किया गया त्याग, बलिदान व योगदान आज के युवाओं के लिए प्रेरक है। प्रोफेसर डॉ. बिनानी कहा कि देश के लिए उनका यह एक अनूठा बलिदान था ।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार व कवि जुगल किशोर पुरोहित ने कहा कि केसरी सिंह बारहठ ने अपना पूरा जीवन त्याग, तपस्या, देशभक्ति व परहित के लिए समर्पित कर दिया था । उनका जीवन हमारे लिए अनुकरणीय है ।
गोष्ठी के मुख्य वक्ता जेएसबी चेरिटेबल लैब के संस्थापक डॉ. जगदीश बारठ ने विस्तार से अपने विचार रखते हुए बताया कि उनके पुत्र कुंवर प्रताप सिंह बारहठ , उनके अनुज ठा. जोरावर सिंह बारहठ और दामाद ईश्वर दान आशिया भी विख्यात स्वतंत्रता सेनानी थे। डॉ. जगदीश बारठ ने गोष्ठी में अपनी कविता- वह शक्ति हमें दो दया निधे, जग जीवन सफल बना जावे- के माध्यम से केसरी सिंह बारहठ को श्रद्धा सुमन अर्पित किए ।
गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि पूर्व अधीक्षक रेडियोग्राफर पीबीएम हॉस्पिटल गोविंद सिंह चारण ने अपने विचार रखते हुए कहा कि केसरी सिंह बारहठ के पूरे परिवार का स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान रहा था । उनके इस योगदान के देश व समाज हमेशा उन्हें याद रखेगा । आभार ज्ञापन संदीप बारठ ने किया । इस गोष्ठी में सीनियर लेब टेक्नीशियन हर्षित श्रीमाली, शोयब, अशोक कुमार, असलम, अनिल प्रजापत, रामेश्वर शर्मा, महाराज, आदी सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे । विचार गोष्ठी का कुशल संयोजन मदन सिंह ने किया।