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IMG 20220202 004525 9 लॉक डाउन का ऐलान, कोरोना नहीं है कारण ! Bikaner Local News Portal अंतरराष्ट्रीय
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Thar post, न्यूज। श्रीलंका में हालात बेकाबू हो गए हैं। इसके चलते वहां शनिवार को 36 घंटे के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया है. श्रीलंका में पहले ही बिगड़ते हालात से निपटने के लिए आपातकाल का ऐलान कर दिया गया है। राष्ट्रपति, उनके रिश्तेदारों और उनके सबसे भरोसेमंद ‘पुजारी’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए सैनिकों को नई शक्तियां देने के साथ तैनात किया गया है। द्वीपीय देश में शनिवार शाम होते ही लॉकडाउन लागू हो गया। सोमवार सुबह तक बरकरार रहेगा. पुलिस के अनुसार इस समय में ईंधन, भोजन और दवाओं की कमी को लेकर होने वाले व्यपाक सरकारी विरोधी प्रदर्शन से निपटा जाएगा। वहां आगजनी, हिंसा, प्रदर्शन, सरकारी संपत्तियों में तोड़ फोड़ चल रही है। लंबे पावर कट, खाने-पीने की चीजों की किल्लत से जूझ रहे भारत के इस पड़ोसी देश में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने आपातकाल लागू कर दिया है. आपातकाल 1 अप्रैल से लागू किया गया है. श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि देश में कानून व्यवस्था कायम रखने, आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई को जारी रखने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया है. इसलिए पूरे श्रीलंका में आपातकाल लागू किया जाता है. इस आपातकाल के जरिए राष्ट्रपति राजपक्षे ने पब्लिक सिक्युरिटी अध्यादेश के प्रावधानों को लागू कर दिया है. इससे उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था के संरक्षण, विद्रोह के दमन, दंगा या नागरिक हंगामा या आवश्यक आपूर्ति के रख-रखाव के लिए नियम बनाने का अधिकार मिल गया है. आपातकालीन नियमों के तहत, राष्ट्रपति किसी भी संपत्ति पर कब्जा करने और किसी भी परिसर की तलाशी लेने के लिए हिरासत को अधिकृत कर सकते हैं. वे किसी भी कानून को बदल या निलंबित भी कर सकते हैं. श्रीलंका की राजधानी में कोलंबो में 13-13 घंटे के पावर कट से जूझ रही जनता सड़कों पर उतर आई है और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रही है. लोगों के पास खाने-पीने की चीजें नहीं हैं. श्रीलंका में चावल-दाल दवाओं की कीमतें आसमान छू रही है. पैरासीटामोल की 10 टैबलेट की पत्ती 450 रुपये में बिक रही है।


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