Tp न्यूज़। बीकानेर। साहित्य अकादमी, नई दिल्ली की वेबलाइन साहित्य सीरीज में आज राजस्थानी युवा कवियों की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें भीलवाड़ा के मोहन पुरी और बीकानेर के पुनीत रंगा व व्यास योगेश राजस्थानी ने काव्य पाठ किया।
अकादमी के राजस्थानी भाषा प्रभारी ज्योतिकृष्ण वर्मा ने अपने संबोधन में बताया कि अकादमी सभी मान्यता प्राप्त 24 भाषाओं में ऑनलाइन आयोजन कर रही है। इस दौर में साहित्य आयोजन का यही जरिया है।
युवा काव्य गोष्ठी में सबसे पहले भीलवाड़ा के मोहन पुरी ने काव्य पाठ किया। उन्होंने राजस्थानी गज़ल ‘ टीबा टीबा पीव दरसण ने भाजे आंख्या ‘ के अलावा दो गीत सुनाये। पुनीत रंगा ने आधुनिक संवेदना की कविताओं का पाठ किया। व्यास योगेश राजस्थानी कविताएं सुनाई।
साहित्य अकादमी में राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘ ने कविताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राजस्थानी की युवा कविता भविष्य के प्रति आश्वश्त करती है। आधुनिक संवेदना ने रचनाओं का तेवर बदला है। रचनाकारों ने अकादमी सचिव के श्रीनिवास राव, राजस्थानी परामर्श मंडल का आभार जताया। अकादमी की तरफ से ज्योतिकृष्ण वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।