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IMG 20230921 191945 पब्लिक पार्क के ऐतिहासिक दरवाजे को लेकर राज्यश्री कुमारी ने लिखा पत्र Bikaner Local News Portal पर्यटन
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Thar पोस्ट, न्यूज। बीकानेर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य अर्जुन अवार्डी राज्यश्री कुमारी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पर्यटन मन्त्री विश्वेन्द्र सिंह को पत्र लिखकर बीकानेर के पब्लिक पार्क स्थित ऐतिहासिक दरवाजे के साथ की गई छेड़छाड़ का विरोध करते हुए इसे मूल स्वरूप में लाने के लिए एक्सपर्ट ईसलाह के अनुसार कार्य किये जाने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि महाराजा श्री गंगासिंहजी ने अपने शासनकाल में बीकानेर में कई ऐतिहासिक इमारतों व सार्वजनिक पार्क आदि का निमार्ण करवाया था। बीकानेर स्थित पब्लिक पार्क उन में से एक हैं। इस ऐतिहासिक पार्क के निर्माण सन् 1911 में प्रारम्भ हो चुका था। इसकेे लिए महाराजा गंगासिंहजी ने तत्तकालिन विख्यात वास्तुकारों व इंजिनियर्स से सलाह कर इस पार्क की डिजाईन तैयार करवाई तथा इसमें लगने वाली रैलिंग्स व दरवाजों को विशेष रुप से तैयार करवाया गया था।पब्लिक पार्क के मुख्य गेट, जो कि क्षतिग्रस्त हो गया था, की मरम्मत हेतू स्थानीय प्रशासन ने इसे ठीक करने के कार्य में बहुत ही लापरवाही बरतते हुए कार्य प्रारम्भ किया, जो कि बहुत ही निन्दनीय हैं। बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह लिए आननफानन में जेसीबी मशीन द्वारा गेट को हटाने का प्रयास किया गया जिसके परिणामस्वरुप उसका पिल्लर और क्षतिग्रस्त हो गया।

पब्लिक पार्क मे लगे गेट व इसकी रैलिंग आदि ऐतिहासिक धरोहर हैं तथा पूरे विश्व में विख्यात हैं। यह पार्क तथा इसके दरवाजे आदि यहॉं आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र हैं। बीकानेर की ऐतिहासिक धरोहर के साथ इस तरह से छेड़छाड़ करना बहुत ही चिंताजनक व गैरजिम्मेदारी वाला कदम तथा धोर निन्दनीय कार्य हैं। इस तरह की लापरवाही व ऐतिहासिक महत्व के दरवाजे के साथ छेड़छाड़ को लेकर स्थानीय जनता में भी प्रशासन के खिलाफ व्यापक आक्रोश व्याप्त हैं।

महाराजा गंगासिंहजी ट्रस्ट की अघ्यक्षा, प्रिंसेस राज्यश्री कुमारी ने पत्र में बताया कि मार्च 2022 में जनप्रतिनिधियों, पर्यटन मंत्री व बीकानेर प्रशासन को पत्र लिखा था। मार्च 2022 से आज तक उक्त ऐतिहासिक दरवाजे के रिस्टोरेशन का कार्य लम्बित हैं परिणामस्वरुप एक बार पुनः महाराजा गंगासिंहजी ट्ृस्ट की अघ्यक्षा ने मुख्यमंत्री राजस्थान व माननीय पर्यटन मंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया हैं कि इस क्षतिग्रस्त दरवाजे व पिल्लर को एक्पर्ट वास्तुकारों व इंजिनियर्स से सलाह करके इसे पुनः इसके मूल रुप में स्थापित किया जाए ताकि इस ऐतिहासिक महत्व के दरवाजे व बिल्डिंग को संरक्षित किया जा सके।


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