Tp न्यूज। कैलिफ़ोर्निया की डेमोक्रेट नेता कमला हैरिस ऑकलैंड में पैदा हुईं। उनकी मां भारतीय मूल की हैं और पिता जमैका मूल के। तलाक के बाद हैरिस को उनकी हिंदू मां ने अकेले ही पाला। उनकी मां कैंसर रिसर्चर और सिविल राइट्स एक्टिविस्ट रही हैं। वो भारतीय विरासत के साथ पली बढ़ीं, अपनी मां के साथ भारत आती रहीं लेकिन हैरिस बताती हैं कि उनकी मां ने अमेरिकी-अफ्रीकी संस्कृति अपना ली थी और अपनी दोनों बेटियों कमला और माया को भी इसी में रखा.
वो कहती हैं, “मेरी मां बहुत अच्छे से जानती थी कि वो दो काली बेटियों को पाल रही है.”उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘द ट्रुथ वी होल्ड’ में यह लिखा.
वो लिखती हैं, “उन्हें पता था कि उन्होंने जिस धरती को घर की तरह अपनाया है वो माया और मुझे काली लड़कियों की तरह देखेगी। वो यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित थीं कि हम आत्मविश्वास से परिपूर्ण, काली महिलाओं के रूप में बड़ी हों.”
उन्होंने देश की चर्चित होवार्ड यूनिवर्सिटी में दाख़िला लिया. यह देश के ऐतिहासिक कॉलेज और यूनिवर्सिटी में से एक है. इसे वो ज़िंदगी का सबसे रचनात्मक अनुभव बताती हैं। हैरिस कहती हैं कि वो हमेशा से अपनी पहचान को लेकर सहज रही हैं और खुद को अमेरिकी बताती हैं।साल 2019 में उन्होंने वॉशिंगटन पोस्ट से कहा था कि राजनेताओं को उनका पृष्ठभूमि या रंग की वजह से किसी कंपार्टमेंट में नहीं फिट कर देना चाहिए. उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि मैं वो हूं जो मैं हूं. मैं इसी के साथ ठीक हूं. आपको इस पर विचार करना पड़ सकता है लेकिन मैं ऐसे ही ठीक हूं।होवार्ड में चार साल बिताने के बाद हैरिस क़ानून की पढ़ाई के लिए कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी, हैस्टिंग चली गईं और फिर अलामेडा काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस से अपने करियर की शुरुआत की।
साल 2003 में वो सैन फ्रांसिस्को की शीर्ष अधिवक्ता बन गईं थी. इसके बाद वो कैलिफ़ोर्निया की अटॉर्नी जनरल चुन ली गईं. अमेरिका के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में इस पद पर पहुंचने वाली वो पहली महिला और पहली अफ्रीकी महिला बनीं.
बतौर अटॉर्नी जनरल अपने दो कार्यकाल में कमला हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी के उभरते सितारे के तौर पर अपनी साख बनाई और इसी का इस्तेमाल करके उन्होंने साल 2017 में कैलिफ़ोर्निया की जूनियर यूएस सीनेटर का चुनाव लड़ा.
अमेरिकी सीनेट में चुने जाने पर हैरिस अपनी बातों की वजह से काफ़ी चर्चा में रहीं. सीनेट की महत्वपूर्ण सुनवाइयों में तत्कालीन सुप्रीम कोर्ट के नॉमिनी ब्रेट कावानॉघ और अटॉर्नी जनरल विलियम बार पर अपने सवालों की वजह से भी वो चर्चा में रहीं.
व्हाइट हाउस की तमन्ना
जब उन्होंने 20 हज़ार लोगों की भीड़ के सामने ऑकलैंड कैलिफ़ोर्निया में राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया तो वो साल 2020 के इस दांव के लिए काफ़ी उत्साहित थीं. लेकिन अपने कैंपेन को लेकर वो स्पष्ट तर्क देने में चूक गईं और जब उनसे स्वास्थ्य सेवा जैसे मुद्दे पर सवाल किए गए तो उन्होंने काफ़ी गोलमोल जवाब दिए. इसके साथ ही वो अपनी उम्मीदवारी के दावे को लेकर ज्यादा नंबर नहीं जुटा पाईं. उम्मीदवारी की डिबेट में उनकी अधिवक्ता वाली खूबी दिखी, बार-बार वो बिडेन पर हमला बोल रही थीं.
क़ानून की डिग्री और अनुभव रखने वाली हैरिस ने अपनी पार्टी में प्रगतिशील और उदारवादी धाराओं के बीच संभलकर चलने की कोशिश की लेकिन दोनों में से एक को भी सही से अपील नहीं कर पाईं. दिसंबर में उन्होंने अपनी उम्मीदवारी ख़त्म कर दी. इसके कुछ समय बाद ही 2020 की शुरुआत में डोमोक्रेटिक्स का पहला उम्मीदवारी कॉन्टेस्ट होने वाला था मार्च में हैरिस ने पूर्व राष्ट्रपति का समर्थन किया और कहा कि “वो उन्हें अमेरिका का अगला राष्ट्रपति चुने जाने में हर मुमकिन मदद करेंगी।
अपराध और पुलिसिंग को लेकर उनका रिकॉर्ड।कमला हैरिस की उम्मीदवारी ने उनके कैलिफ़ोर्निया के टॉप अधिवक्ता के रिकॉर्ड को चर्चा के केंद्र में लगा दिया है।
गे मैरिज और मृत्युदंड जैसे मसलों पर वामपंथी झुकाव होने के बावजूद वो बार-बार प्रगतिशील सोच वाले लोगों के निशाने पर रही हैं. उनपर ये सवाल उठते हैं कि उन्हें जितना प्रगतिशील होना चाहिए वो उतनी नहीं हैं. सैन फ्रांसिस्को विश्वविद्यालय में क़ानून की प्रोफ्रेसर लारा बाज़ेलोन ने हैरिस की आलोचना में एक लेख भी लिखा था.
कमला हैरिस के अभियान की शुरुआत में बाज़ेलन ने लिखा था कि हैरिस ने पुलिस सुधार, ड्रग सुधार और ग़लत तरीक़े से अपराधी ठहराए जाने जैसे मसलों की प्रगतिशील लड़ाइयों से किनारा किया।