ताजा खबरे
IMG 20240522 131925 बदलाव : रेगिस्तान गायब हो जाएगा इस सदी के अंत तक ! रिसर्च में दावा Bikaner Local News Portal अंतरराष्ट्रीय
Share This News

Thar पोस्ट, न्यूज। हाल ही में दुबई में बारिश ने हाहाकार मचा दिया था। सर्दी में वहां बर्फ की चादर भी बिछ गई थी। पिछले दिनों भारत के दक्षिण में लू की स्थिति रही। वातावरण तेज़ी से बदल रहा है। इसके साथ ही रेगिस्तान में तेज़ी से बदलाव हो रहा है। राजस्थान के थार मरुस्थल को लेकर वैज्ञानिकों ने एक भविष्यवाणी की है जो कि हैरान कर देने वाली है। वर्ष 2023 में प्रकाशित अर्थ्स फ्यूचर जर्नल (Earth’s Future) में यह दावा किया गया है कि इस सदी के अंत से पहले थार रेगिस्तान हरा-भरा हो जाएगा। सुनहरे मिट्टी के धोरे गायब हो जाएंगे।

नए शोध में सामने आया है कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के कारण आर्कटिक क्षेत्र दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में तेजी से गर्म हो रहा है. इसके गर्म होने से दुनिया भर में धूल के स्तर में कमी आ रही है, जिससे रेगिस्तानों पर हवाएं चलने के तरीके में बदलाव आ रहा है। सबसे ज्यादा असर पश्चिम और दक्षिण एशिया में धूल के प्रमुख सोर्स यानी अरब प्रायद्वीप और भारत-पाकिस्तान के बीच थार रेगिस्तान पर पड़ रहा है।

अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हुई इस रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो इन क्षेत्रों में हवाएं उसी तरह से बहने की संभावना है जैसे वे प्री-वार्मिंग (Pre-Warming) से पहले चलती थीं. इसलिए, दुनिया भर में उत्सर्जन शमन के साथ-साथ, रिसर्चर्स ने धूल के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए स्थानीय सरकारों द्वारा एंटी डेजर्टिफिकेशन उपायों का यूज करने के लिए कहा है। थार डेजर्ट को ग्रेट इंडियन डेजर्ट भी कहा जाता है. यह विश्व का 17वां सबसे बड़ा रेगिस्तान है और 9वां सबसे गर्म डेजर्ट है. थार का 85% भाग भारत और 15% भाग पाकिस्तान में है. रिकॉर्ड के अनुसार, राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 61.11% भाग रेगिस्तान से घिरा हुआ है. हालांकि यह रेगिस्तान गुजरात, पंजाब, हरियाणा और पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में भी फैला हुआ है. गर्मियों में थार डेजर्ट की रेत उबलती है. यहां तापमान 52 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड किया गया है।


Share This News