Thar पोस्ट, न्यूज। बीकानेर में ऊँट उत्सव के उद्घाटन पर हमेशा गुब्बारों के साथ सफेद कबूतर भी उड़ाए जाते हैं लेकिन एक बार ऐसा भी हुआ था जब विभाग के अधिकारियों के हाथों से तोते उड़ गए और चेहरे से हवाइयां। दरअसल, पर्यटन विभाग द्वारा ऊँट उत्सव के शुरुआती वर्षों में एक प्रेस मीट का आयोजन हुआ करता था। इस दौरान विभाग अपनी उपलब्धियों के साथ ही पर्यटन विकास, ऊँट उत्सव व इससे जुड़ी जानकारी मीडिया के समक्ष रखता था। एक बार उत्सव से पहले प्रेस मीट में बीकानेर के पर्यटन मानचित्र का विमोचन कराया गया। इस मानचित्र पर पत्रकार शुभू पटवा की नजर पड़ी। उनसे रहा नहीं गया। उन्होंने पर्यटन अधिकारियों से प्रेस कांफ्रेंस में पूछा- डूंगरपुर व डूंगरगढ़ में क्या अंतर है? दरसअल बीकानेर के पर्यटन मानचित्र में प्रमुखता से सभी दर्शनीय स्थलों के साथ डूंगरपुर का नाम था। तब सभी अधिकारियों के समक्ष पटवा बोले- जब आप बीकानेर के नक्शे में डूंगरपुर को बता रहे है तो देशी विदेशी सैलानियों को किस तरह पर्यटन स्थलों के बारे में समझाएंगे ये समझ से परे है। जबकि हकीकत यह थी कि बीकानेर के नक्शे में डूंगरगढ़ के स्थान पर डुंगरपुर छप गया था। इसके बाद विभाग ने वर्षों तक प्रेस मीट ही नहीं बुलाई। इस बात का असर ऊँट उत्सव 2024 तक भी कायम रहा है। * जितेंद्र व्यास