Thar पोस्ट (जितेंद्र व्यास)। बीकानेर में यूरोपीय देशों से पहुंचने वाले शिकारी पक्षियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बीकानेर के वीराने मे चाहे डोमेशियल क्रेन यानि कुरंजा, ग्रीन पिजन सहित अनेक खूबसूरत पक्षियों की आवक बीकानेर में कम हो गई हो, लेकिन शिकारी पक्षियों के लिए बीकानेर एक नया ठिकाना बनता जा रहा है। इसकी वजह है बीकानेर का जोड़बीड़ का दूर तक फैला जंगली इलाका। बीकानेर से करीब आठ किलोमीटर दूर राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र के पीछे दूर तक फैले वीराने में यूरोशियन वल्चर, इजेप्शियन ईगल, मंगोलियन काइट, सिनॉरियस वल्चर आदि की उपस्थित देखी गई है। इन प्रमुख प्रजातियों के अलावा अनेक छोटे-मोटे शिकारी पक्षियों का झुण्ड सितम्बर-अक्टूबर से अप्रेल तक देखा जा सकता है।
पहली पसन्द बना क्षेत्र
जोड़बीड क्षेत्र मेंं बड़ी संख्या में आवारा मृत पशुओं को डाला जाता है। बड़ी संख्या में पशुओं के सफाए के लिए स्थानीय पक्षियों के अलावा हजारों किलोमीटर दूर के देशों के शिकारी पक्षी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। इन दिनों इनका डेरा है। जानकारों की मानें तो पिछले कुछ वर्षों में शिकारी पक्षियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हालांकि छिछले पानी व शान्त स्थानों पर प्रवास करने वाले पक्षियों की संख्या लगातार कम हुई है। पिछले एक माह में शिकारी पक्षियों की संख्या बढ़ रही है। जोड़बीड़ क्षेत्र शिकारी पक्षियों के लिए शान्त व सुरक्षित ठिकाना है। दूर तक फैले बड़े पेड़, सूखी व घनी टहनियां, पेड़ों के झुरमुट इन प्रवासी पक्षियों के रहने के लिए बेहतरीन स्थल बनते जा रहे हैं। पेड़ों पर ये कई महीनों तक प्रवास करते हैं। यहां के दृश्य कैद करने के लिए पक्षी प्रेमी उतावले रहते हैं। जितने पक्षी मृत पशुओं के आस-पास दिखाई देते हैं उतने ही आकाश में स्वच्छंद वितरण करते हैं। जोड़बीड़ क्षेत्र में जगह-जगह पड़े छिछले पानी तथा इसके पास घने पेड़ों में भी ये अपना डेरा जमाते हैं। बीकानेर में बर्ड टूरिज्म की प्रबल संभावनाएं है।जानकारों के मुताबिक जोड़बीड़ क्षेत्र में वर्तमान में करीब तीन हजार से अधिक शिकारी पक्षी पहुंचते हैं। इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। अत्यधिक ठण्डे देशों से ये पक्षी बीकानेर में प्रवास करते हैं। यूरोपीय देशों में बर्फबारी के चलते ये भारत रुख करते हैं। बीकानेर में पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार रशिया के सीमान्त इलाको, ट्रांस साइबेरिया, इटली, स्पेन, फ्रांस के पक्षियों की उपस्थित यहां देखी गई है। बर्फबारी से खुद को बचाने की जद्दोजेहद के चलते ये अपनी अनुकूलता के लिए उड़ान भरते हैं और ऐसे देशों की ओर जा पहुंचते हैं जहां गुनगुनी धूप, कम पानी, ऊंचे पेड़, शान्त पर्यावरण आदि हैं। बीकानेर का जोड़बीड़ इस लिहाज से इनके लिए बेस्ट डेस्टिनेशन बना हुआ है।