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IMG 20241023 101608 98 बीकानेर के इस शिव मंदिर में मुगल शासक हुंमायू ने ली थी शरण Bikaner Local News Portal धर्म
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img 20250226 1510435093471858798515956 बीकानेर के इस शिव मंदिर में मुगल शासक हुंमायू ने ली थी शरण Bikaner Local News Portal धर्म

Thar पोस्ट। बीकानेर शहर में स्थित कसौटीनाथ महादेव मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि ऐतिहासिक घटना भी इससे जुड़ी है। 16वीं शताब्दी में जब मुगल सम्राट हुमायूं, शेरशाह सूरी से पराजित हुआ, तब उसने इस मंदिर में गुप्त रूप से शरण ली थी। यह घटना इस मंदिर के महत्व को और अधिक बढ़ा देती है। मंदिर के बाहर लगे सरकारी सूचना बोर्ड पर भी इस तथ्य का उल्लेख किया गया है, जिससे इसकी ऐतिहासिक प्रामाणिकता सिद्ध होती है। इस मंदिर की स्थापना 16वीं शताब्दी में हुई थी और 17वीं शताब्दी में बीकानेर के तत्कालीन शासक महाराजा गज सिंह ने इसका पुनरुद्धार करवाया था।

पुनरुद्धार के दौरान मंदिर की संरचना को और अधिक भव्य रूप दिया गया और इसकी ऊपरी मंजिल पर एक और शिव मंदिर स्थापित किया गया। यह गजपतेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।

इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि गजपतेश्वर महादेव मंदिर पूरी तरह खुले में स्थित है और इस पर छत नहीं है। मंदिर परिसर में एक अद्भुत शिवलिंग के साथ-साथ श्रीयंत्र भी स्थापित किया गया है।

जिससे इसका आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है। कसौटीनाथ महादेव मंदिर केवल शिव भक्ति का स्थान नहीं, बल्कि यह नाथ संप्रदाय के संतों की तपोस्थली भी रहा है। इस मंदिर के पुजारी मनोज सेवग के अनुसार नाथ संप्रदाय से जुड़े कई संतों ने यहां घोर तपस्या की है। मंदिर के अंदर छह फीट गहरी गुफा में संत-महात्मा वर्षों तक तपस्या किया करते थे। यह मंदिर आज भी उन आध्यात्मिक ऊर्जा को समेटे हुए है।

मुख्य गर्भगृह में कसौटीनाथ महादेव विराजमान हैं, लेकिन इसके अलावा यहां गजपतेश्वर महादेव और माता चामुंडा का मंदिर भी स्थित है। माता चामुंडा का मंदिर एक गुफा के रूप में मंदिर के पीछे स्थित है। एक समय पर इस मंदिर के ठीक नीचे माता काली का मंदिर भी था, लेकिन वर्तमान में इसे बंद कर दिया गया है। मंदिर परिसर में एक विशेष नाथसागर तालाब से लगभग 30 फीट ऊंचाई पर स्थित है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह संतों और महात्माओं का स्नान स्थल था। मंदिर की ऊंचाई भी इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाती है। यह मंदिर जमीन से करीब 30 फीट ऊंचा है।


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