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IMG 20220202 004525 64 दो दिवसीय साहित्य समारोह शुरू * बदलाव की नायिका के रूप में मिला गुप्ता को सम्मान Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट
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Thar पोस्ट, न्यूज। हिन्दी एवं राजस्थानी भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार स्व. नरपतसिंह सांखला की प्रथम पूण्यतिथि के अवसर पर स्व. नरपतसिंह सांखला स्मृति संस्थान, बीकानेर द्वारा महाराजा नरेन्द्रसिंह ऑडिटोरियम नागरी भण्डार में उनकी स्मृति में आयोजित दो दिवसीय साहित्य समारोह के प्रथम दिन शब्दांजलि एवं पुष्पांजलि के साथ पुरस्कार अर्पण समारोह का आयोजन रखा गया।
संस्थान के सचिव शायर कहानीकार कासिम बीकानेरी ने बताया कि इस अवसर पर डेह नागौर के वरिष्ठ साहित्यकार पवन पहाड़िया को उनके राजस्थानी कविता संग्रह ‘सांसो सांस लड़ै जिंदगाणी’ के लिए प्रथम स्व. नरपतसिंह सांखला स्मृति राजस्थानी कविता पुरस्कार के तहत 11000 रूपये राशि का पुरस्कार अर्पित किया गया।
पुरस्कार स्वरूप पहाड़िया का माल्यार्पण शॉल, साफा, स्मृति चिह्न, सम्मान पत्र, गिफ्ट एवं 11000/- रूपये राशि का चैक भेंट करके कार्यक्रम के अतिथियेां एवं संस्था पदाधिकारियों द्वारा पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम के आरंभ में सभी आगन्तुकों का स्वागत स्व. सांखला के पुत्र एवं संस्थान समन्वयक संजय सांखला ने करते हुए कहा कि उनके द्वारा रचित साहित्य का अध्ययन करके उन्हें आत्मिक शांति का अनुभव होता है।संस्थान के अध्यक्ष वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने कहा कि स्व. नरपतसिंह सांखला ने अपने साहित्य सृजन से नगर की साहित्य परंपरा को समृद्ध करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे बहुभाषाविद् विद्वान साहित्यकार थे। उन्होंने समान रूप से हिन्दी, राजस्थानी के साथ अन्य भाषाओं में भी उत्कृष्ट सृजन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार भवानी शंकर व्यास ‘विनोद’ ने करते हुए अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि स्व. नरपतसिंह जी सभी साहित्यकारों के प्रति श्रद्धा रखते थे। उन्होंने निबंध विधा में महत्वपूर्ण पुस्तकें सर्जित की जो कि एक बहुत ही कठिन कार्य है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यानुरागी एवं संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने स्व नरपतसिंह सांखला को श्रृद्धांजलि देते हुए कहा कि स्व. नरपतसिंह सांखला ने अपना पूरा जीवन साहित्य को समर्पित कर दिया था। उन जैसी महान् आत्मा को याद करना ही उनको सच्ची श्रृद्धांजलि अर्पित करना होगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने कहा कि स्व. नरपतसिंह सांखला एक सह्रदय रचनाकार थे। वे सभी साहित्यिक कार्यक्रमों मंे बढ चढ़कर भागीदारी करते थे। उनके पुत्र संजय सांखला एवं उनके परिवारजन उनकी विरासत को बखूबी आगे बढ़ा रहे है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि हाजी मकसूद अहमद ने कहा कि एक शिक्षक के तौर पर स्व. नरपतसिंह सांखला अपने छात्रों को हमेशा प्रोत्साहित करते रहते थे। मेरे लिए उनका शिष्य होना एक गौरव की बात है। संस्थान ने उनके नाम पर पुरस्कार देकर पुनीत कार्य किया है।
पुरस्कार एवं सम्मान से अभिभूत होते हुए पवन पहाडिया ने स्व. नरपतसिंह सांखला की शान में अपनी कविता की इन पंक्तियों से उन्हें अपनी शाब्दिक शब्दांजलि दी- सुरगवासी नरपत सिंहजी सांखला ने विनयांजली/नव इग्यारा छत्तीस ने अवतरिया धरा माथै/लेयर आया साहित रौ जाणे सिरजण साथै पहाड़िया ने बीकानेर की साहित्य धरा को नमन करते हुए इस पुरस्कार के लिए संस्थान को हार्दिक धन्यवाद दिया।
संस्थान के सचिव शायर कहानीकार कासिम बीकानेरी ने कहा कि स्व. नरपतसिंह सांखला साफ दिल के सादगी पसंद नेक इंसान थे। ऐसी महान् आत्मा का स्मरण करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। संस्थान आगे भी उनकी याद में इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करती रहेगी।
कवयित्री मनीषा आर्य सोनी ने स्व. नरपतसिंह सांखला के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित पत्र का वाचन करके उनके जीवन के अनेक पहलू सामने रखे।
स्व. सांखला की पुत्री रेखा चोबदार ने स्व. सांखला की कविता का वाचन करके अपनी श्रृंद्धांजलि प्रस्तुत की।
संस्थान द्वारा कार्यक्रम के अतिथियों का मार्ल्यापण समृति चिह्न एवं गिफ्ट भेंट करके स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में राजेश सोलंकी, आनंद चोबदार, रामलाल सोलंकी, लता तंवर, डॉ. सुरेन्द्र तंवर, नंद किशोर सोलंकी, श्रीमती शशि जालंदरा, क्वात्रा जी, महेश सिंह तंवर, मिलन गहलोत, दिपचंद सांखला बुलाकी शर्मा, जोधराज व्यास, अजय चोपड़ा, बी एल नवीन, नित्यानन्द पारीक, हरिनारायण आचार्य, राजेश रंगा, रंगा बिशन बिश्नोई, डॉ. सुमन बिस्सा, डॉ चंचला पाठक, इन्द्रा व्यास, मोहम्मद इस्हाक गौरी, जाकिर अदीब, मदन जैरी, अब्दुल वाही अशरफी, नेमचंद गहलोत, इसरार हसन कादरी, राजेन्द्र जोशी, हरीश बी शर्मा, इं. कासम अली, डॉ नरसिंह बिन्नानी, वली गौरी, इरशाद अजीज, रवि आचार्य, रवि पुरोहित, आत्माराम भाटी, जुगलकिशोर पुरोहित, डॉ जियाउल हसन कादरी, कैलाश टाक, कमल किशोर पारीक सहित अनेक प्रबुद्धजन एवं परिवारजन मौजूद थे।
कार्यक्रम का संचालन कासिम बीकानेरी एवं धीरज सैनी संयुक्त रूप से किया। अंत में आभार डॉ जगदीश सांखला ने ज्ञापित किया।

img 20220322 wa01447878904556677711852 दो दिवसीय साहित्य समारोह शुरू * बदलाव की नायिका के रूप में मिला गुप्ता को सम्मान Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट

Thar पोस्ट, बीकानेर। होलीस्टिक मेडिसिन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा हैदराबाद के भारतीय विद्या भवन ऑडिटोरियम मे देश की सशक्त महिलाओं को उनके विभिन्न क्षेत्रों में किए गए अनुकरणीय और उत्कृष्ट कार्यों के लिए नारी सम्मान अवार्ड 2022 से नवाजा गया|जिसमें राजस्थान से एकमात्र बीकानेर की समाज सेविका डॉ.अर्पिता गुप्ता को बच्चों व महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों को देखते हुए नारी सम्मान अवार्ड 2022 से नवाजा गया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष दीपक राउत ने मंच पर डॉ गुप्ता द्वारा निजी स्तर पर चलाए जा रहे एनजीओ से बच्चों व महिलाओं को शिक्षित व हस्तकार्यों में दक्ष कर आत्मनिर्भर बनाने के कार्यों की सराहना की व कहा की परिवार के साथ समाज के विकास को भी महिलाये आगे आ रही यह बदलाव अनुकरणीय हैं।
डॉ गुप्ता ने कहा कि पहले आत्मरक्षा और फिर आत्मनिर्भर यदि हर महिला इस मंत्र को अपना ले तो उसके लिए जीवन जीना अपेक्षाकृत आसान हो जाता है। महिला समाज की रीढ़ है और उसका मजबूत होना जरूरी है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जया किशोरी जी, राजयोगिनी बी.के. कुलदीप दीदी, मिस एशिया रश्मि ठाकुर, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के ब्रांड एंबेसडर प्रशांत गायकवाड इत्यादि ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं को सम्मान दे प्रोत्साहित करने की एच एम आर एफ की इस पहल को सराहा|
कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश, गुजरात महाराष्ट्र व तेलंगना के आर्टिस्ट ने नृत्य व गायन प्रस्तुत किया।

save 20220322 1946446309665546149108338 दो दिवसीय साहित्य समारोह शुरू * बदलाव की नायिका के रूप में मिला गुप्ता को सम्मान Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट

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