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IMG 20211219 142603 बीकानेर की हवेलियां क्यों दिखाई देती है जहाज की तरह? Bikaner Local News Portal पर्यटन
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Thar पोस्ट (जितेंद्र व्यास) । अनेक बार मुझे बीकानेर की विश्व प्रसिद्ध हवेलियों में जाने का मौका मिला। इसकी वजह यही रही कि मैंने हवेलियों पर अनेक आलेख लिखे। इसमें हवेलियों की खूबसूरती और पत्थरों पर उकेरी गई कला को मैंने शिद्दत के साथ लिखा। हवेलियों के बिकने पर भी अनेक न्यूज सीरीज लिखी। इस बीच मेरी मुलाकातें उन लोगों से भी होती गई जो हवेलियों के निर्माण और इसके पीछे छिपे कारणों के बारे में जानते थे। इनमे से एक थे पर्यटन लेखक उपध्यान चंद्र कोचर। उनके साथ कई बार मैंने बातचीत की। बीकानेर से जुड़े अनेक किस्से और लोगों के बारे में उन्होंने बताया था। एक बार उन्होंने मुझे सवाल किया कि आखिर बीकानेर की हवेलियों की आकृति पानी के जहाज की तरह क्यों है? इसका जवाब मेरे पास होने का सवाल भी नही था। तब उन्होंने बताया कि- दरअसल हमारे पुर्वज रसूखदार हुआ करते थे। यह रियासतकालीन युग था। इनमे रामपुरिया, डागा, मोहता, बोथरा, राठी आदि प्रमुख है। विभाजन से पहले इनमे से अनेक लोगों का पाकिस्तान में कारोबार था। पाकिस्तान में समुंद्री जहाजो के भी मालिक थे। जब बीकानेर आये तो यहां दूर तक वीराना और मिट्टी के धोरे हुआ करते थे। सेठों के दिमाग में पानी के जहाज ही अधिक तैरते थे। उन्होंने वीराने में ही पानी के जहाज की आकृति की तरह पत्थरों की हवेलियां बनानी शुरू कर दी। तब बीकानेर में पत्थरों से हवेलियां बनाने का फैशन चल पड़ा। हवेलीनुमा मकान रसूख की निशानी बन गया। आप यदि रामपुरियों की हवेली देखने जाते है तो आपको लगेगा कि आप पानी के बड़े जहाज में आ गए है। पाकिस्तान के करांची में मोहता परिवार की आज भी भव्य हवेली है।

img 20211219 1425153439150183451984939 बीकानेर की हवेलियां क्यों दिखाई देती है जहाज की तरह? Bikaner Local News Portal पर्यटन

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